चिकित्सालय में भी जारी है परमहंसदास का अनशन
पुलिस ने बीती रात अनशनरत महंत को तपस्वी जी की छावनी के सामने से उठा कर जिला चिकित्सालय में कराया है भर्ती.हिदू राष्ट्र की मांग पर 12 अक्टूबर से अनशनरत हैं महंत परमहंसदास.
अयोध्या : हिदू राष्ट्र की मांग के लिए 12 अक्टूबर से अनशन कर रहे तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास को पुलिस ने मंगलवार को देर रात तपस्वी जी की छावनी के ही सामने स्थित अनशन स्थल से उठा लिया और जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया। मंगलवार को उनके अनशन का नौवां दिन था। इस दौरान अनशनरत महंत का वजन नौ किलो घट गया था, जिसके कारण उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही थी। चिकित्सकों ने भी चेतावनी दे दी थी कि अनशन से महंत का स्वास्थ्य गिर रहा है। अगर ऐसा रहा तो उनके प्राण संकट में पड़ सकते हैं। मंगलवार को रात लगभग 11 बजे रेजीडेंट मजिस्ट्रेट केडी शर्मा, अयोध्या सीओ राजेश राय और कोतवाल आशुतोष मिश्रा दल-बल के साथ अनशन स्थल पर पहुंचे और पूरी तत्परता बरतते हुए अनशन कर रहे महंत को एंबुलेंस में जिला चिकित्सालय भिजवाया। यहां चिकित्सकों की देख-रेख में अनशनकारी महंत का इलाज चल रहा है। हालांकि परमहंस का आमरण-अनशन अस्पताल में भी जारी है। उन्होंने स्वेच्छा से अभी तक कुछ भी खाया-पिया नहीं है। साथ ही अनशनरत महंत के समर्थन में धरने पर बैठीं विश्व हिदू रक्षा संगठन की उपाध्यक्ष अर्चना सिंह व प्रदेश अध्यक्ष सनातनी संतोष दुबे को प्रशासन ने कहीं अन्यत्र भिजवा दिया और अनशन स्थल पर पुलिस की तैनाती की गई है। ताकि वहां पर अन्य कोई व्यक्ति धरना या अनशन पर न बैठने पाए। इस बीच महंत परमहंसदास ने बयान जारी कर कहा है कि भले ही प्रशासन ने मुझे चिकित्सालय में लाकर भर्ती करा दिया हो, लेकिन मेरा अनशन अनवरत जारी है। मैंने स्वेच्छा से कुछ खाया-पिया नहीं है। उनका कहना है कि जब तक कोई केंद्रीय मंत्री उनसे मिलकर हिदू राष्ट्र की घोषणा के संदर्भ में ठोस आश्वासन नहीं देगा, तब तक अनशन यूं ही चलता रहेगा। चाहे मेरे प्राण ही क्यों चल जाएं। उन्होंने कहाकि भारत को यदि हिदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया, तो हिदी, हिदू, हिदुस्तान का अस्तित्व कुछ ही वर्षाें में मिट जायेगा। मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है कि वह भारत को हिदू राष्ट्र अवश्य घोषित कराएंगे। उन्होंने अब तक राष्ट्र के लिए कई सराहनीय कार्य किए हैं। चाहे वह राममंदिर का ऐतिहासिक फैसला, ट्रिपल तलाक हो या सेना को मजबूती प्रदान करना। सभी में वह खरे उतरे हैं।