पंचायत चुनाव की उम्मीदें भी धूमिल
गन्ना सहकारी समितियों का चुनाव दूसरी बार भी टलने से पंचायत चुनाव की उम्मीदें धूमिल पड़ गईं हैं। गन्ना समितियों के चुनाव कार्यक्रम का एलान होने के बाद गांवों में बढ़ी हलचल के बीच एक बार फिर पंचायत चुनाव 25 दिसंबर से पहले कराने की उम्मीदों को पंख लगे थे। एलान के चंद रोज बाद गन्ना समितियों के चुनाव टल जाने से माना जाने लगा कि पंचायत चुनाव भी अब अपने समय से नहीं होगा.
अयोध्या: गन्ना सहकारी समितियों का चुनाव दूसरी बार भी टलने से पंचायत चुनाव की उम्मीदें धूमिल पड़ गईं हैं। गन्ना समितियों के चुनाव कार्यक्रम का एलान होने के बाद गांवों में बढ़ी हलचल के बीच एक बार फिर पंचायत चुनाव 25 दिसंबर से पहले कराने की उम्मीदों को पंख लगे थे। एलान के चंद रोज बाद गन्ना समितियों के चुनाव टल जाने से माना जाने लगा कि पंचायत चुनाव भी अब अपने समय से नहीं होगा।
पंचायत चुनाव को लेकर पंचास्थानिक कार्यालय में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू होने के दूर-दूर तक संकेत नहीं हैं। बिना मतदाता सूची पुनरीक्षण के चुनाव प्रक्रिया शुरू होना संभव नहीं। चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत इसी से होती है। मतदाता सूची प्रकाशन के साथ पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू होता है। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक लगभग तीन महीने का समय लगता है। पंचायतीराज विभाग को सीटों का आरक्षण करने में करीब 25 दिन लगेंगे। अभी राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम का एलान ही नहीं किया। कार्यक्रम घोषित होने के बाद करीब पांच महीने लगते हैं। ऐसे में समय से चुनाव की संभावना धूमिल हो चली है।