बुजुर्ग चचा शरीफ की इच्छा, पीएम से हो मुलाकात
पेशे से साइकिल मिस्त्री मो. शरीफ इसी साल हुआ है पद्मश्री के लिए चयन.80 वर्ष की उम्र में पूरा कर रहे लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की शपथ.
अयोध्या : राममंदिर के भूमि पूजन के लिए आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए लोग किस तरह उत्सुक हैं, यह जानना हो तो मिलिए पद्मश्री के लिए चयनित मो. शरीफ से। शरीफ चचा राममंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं और पीएम मोदी से मिलना। वे कहते हैं कि मेरे के लिए हिदू-मुस्लिम में कोई फर्क नहीं है। इसलिए भूमि पूजन में शामिल होने से कोई परहेज नहीं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद हैं। कहते हैं, 'मोदी जैसे प्रधानमंत्री ने मुझे पद्मश्री के लिए चयनित कर जीवन का सबसे बड़ा सम्मान दिया है। वे यहां आ रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से उनसे मिलने की बेहद इच्छा है।'
पद्मश्री के लिए उनका चयन इसी साल गणतंत्र दिवस के मौके पर किया गया था। हजारों लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके शरीफ चचा 80 वर्ष की उम्र में भी अपनी प्रतिज्ञा को उसी हौसले और जुनून से निभाते चले आ रहे हैं। कहते हैं, जब तक सांस हैं, अपनी कसम निभाता रहूंगा। वे कहते हैं, जो कुछ मिला सब अयोध्यावासियों की शुभकामनाओं की देन है। खिड़की अली बेग निवासी मो. शरीफ पेशे से साइकिल मिस्त्री हैं। उनके चार बेटों में दो की मौत हो चुकी है, जिसमें एक मो. रईस भी थे। दुर्घटना में मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार सुल्तानपुर जिले में लावारिस के रूप में हुआ था। करीब एक माह बाद उन्हें पुत्र रईस की मौत और अंतिम संस्कार की जानकारी मिल सकी थी। इसी के बाद उन्होंने किसी भी लावारिस का अंतिम संस्कार करने की शपथ ली थी। वे मानवता की सेवा के ऐसे पथ पर चल पड़े, जो न सिर्फ नजीर, बल्कि औरों के लिए प्रेरणा भी बनी। शरीफ चचा को अभी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण तो नहीं मिला है, लेकिन उनकी बेहद इच्छा है कि यहां प्रधानमंत्री से उनकी भेंट हों।