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मंदिर निर्माण में पारंपरिक वास्तुविदों से भी ली जाएगी राय

राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में सलाह के लिए तय किया गया पद्मभूषण डॉ. नागस्वामी एवं एन सुब्रमण्यम का नाम

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 11:19 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 11:19 PM (IST)
मंदिर निर्माण में पारंपरिक वास्तुविदों से भी ली जाएगी राय
मंदिर निर्माण में पारंपरिक वास्तुविदों से भी ली जाएगी राय

अयोध्या : राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं पीएमओ समेत अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने गुरुवार को सर्किट हाउस में मैराथन बैठक के साथ निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। बैठक से मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया। हालांकि बैठक के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविददेव गिरि एवं सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने मीडिया को बैठक के बारे में जानकारी दी। स्वामी गोविददेव ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक 1900 करोड़ से अधिक राशि एकत्र होने का अनुमान है। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तय करने के लिए कार्यदायी संस्था एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स और आईआईटी चेन्नई के आधुनिक वास्तुविद् लगे हैं, वहीं इस काम में पारंपरिक वास्तु शास्त्र के दिग्गज विद्वान पद्मभूषण डॉ. नागस्वामी और चेन्नई के एन सुब्रमण्यम की भी सलाह ली जाएगी। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि नींव की मिट्टी हटाए जाने का कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कहीं-कहीं अपेक्षित 12 मीटर की गहराई तक खोदाई भी हो चुकी है। निकट भविष्य में इस मिट्टी की जांच के साथ नींव की भराई के लिए इंजीनियर्ड फिल्ड मैटेरियल का कंपोजीशन भी तय कर लिया जाएगा और मिट्टी की जांच तथा इसी कंपोजीशन के हिसाब से नींव की भराई होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि मार्च तक तय समय में नींव की खोदाई पूरी कर ली जाएगी तथा इसके बाद नींव की भराई का काम शुरू होगा। बैठक में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक अन्य सदस्य तथा अयोध्या राजपरिवार के मुखिया सहित एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स और भवन निर्माण से जुड़े कुछ अन्य संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। दो दिन और रुकेंगे निर्माण समिति के अध्यक्ष

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- बुधवार को तीसरे पहर रामनगरी पहुंचे मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र रामनगरी में अगले दो दिन और प्रवास करेंगे। उनकी मुलाकात ली एसोसिएट के प्रतिनिधियों से भी संभावित है। ली एसोसिएट को सरकार ने अयोध्या के विश्वस्तरीय विकास का खाका खींचने की जिम्मेदारी सौंप रखी है। इसी कंपनी की सलाह पर वैश्विक महत्व की पर्यटन नगरी के रूप में अयोध्या को विकसित किए जाने की राह तय होनी है।

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इकबाल ने जताई कारसेवा की इच्छा

- बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल नौ नवंबर 2019 को सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद से मंदिर निर्माण का झंडा बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए कारसेवा करने की इच्छा जताई। यह कह कर कि कोर्ट का फैसला आने के बाद अब कोई विवाद नहीं रह गया है और देश का मुस्लिम भी राम मंदिर निर्माण का पक्षधर है। हालांकि इकबाल की यह इच्छा पूरी नहीं हो पाएगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में चल रही निर्माण प्रक्रिया में विशेषज्ञ श्रमिकों के अलावा किसी अन्य का शामिल होना संभव नहीं है।


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