विहिप की धर्मसभा में जुटेंगे लाखों रामभक्त, अब प्रशासन की कड़ी परीक्षा
विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा के लिए रामभक्तों का अयोध्या पहुंचना लगातार जारी है। लाखों रामभक्तों के जुटने का अनुमान है। अयोध्या में कड़े सुरक्षा प्रबंध हैं।
जेएनएन, लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा के लिए रामभक्तों का अयोध्या पहुंचना लगातार जारी है। इसमें लाखों रामभक्तों के जुटने का अनुमान है। इसको देखते अयोध्या में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। धर्मसभा सुबह 11 बजे से होगी। जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, हरिद्वार के जगतगुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत रविंद्रपुरी, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य, महामंडलेश्वर उड़ीसा के स्वामी ज्ञानानंद गिरी समेत करीब सौ संत व विशिष्टजन शामिल होंगे। नब्बे के दशक में देश की राजनीति की दिशा बदल देने वाली अयोध्या अब फिर सियासी क्षितिज पर छाई है।
48 कंपनी पीएसी व 15 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स
भीड़ को देखते सुरक्षा तंत्र आयोजन स्थल व रामनगरी में सुरक्षा व निगरानी के पुख्ता इंतजाम कर रही है। 48 कंपनी पीएसी व 15 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स शुक्रवार को ही अयोध्या पहुंच गई है। आयोजन स्थल सहित संपूर्ण अयोध्या नगरीय क्षेत्र में चार सौ बैरियर लगाए जा रहे हैं। बैरियर प्रमुख मठ-मंदिरों के आसपास लगाए जा रहे हैं, ताकि भीड़ उमडऩे पर उन्हें आसानी से नियंत्रित किया जा सके। 11 जोन बनाकर निगरानी की जा रही है। शिवसेना और विहिप के कार्यक्रम को लेकर 48 घंटे पूर्व से ही अयोध्या में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। रामनगरी में मंदिर समर्थकों की भीड़ शुक्रवार से ही बढऩे लगी है। रविवार को विहिप की धर्मसभा से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रामलला के दर्शन करेंगे। आशंका है कि उद्धव के साथ शिवसेना समर्थक भी रामलला का दर्शन करेंगे। ऐसे में अयोध्या में 150 से अधिक स्थानों पर सीसी कैमरे लगा दिए गए हैं। कमांडो दस्ता भी परिसर व संवेदनशील स्थानों पर निगरानी करेगा। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहाकि निगरानी के लिए ड्रोन कैमरा सहित अन्य संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। सुरक्षा व निगरानी के पुख्ता इंतजाम हैं। अशांति फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
धर्मसभा सुबह 11 बजे से होगी
विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा रविवार को बड़ा भक्तमाल की बगिया में सुबह 11 बजे से होगी। धर्मसभा में प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों से रामभक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है। करीब पांच सौ बसें रामभक्तों को लाने व पहुंचाने के लिए लगाई गई हैं, जबकि तीन हजार कार्यकर्ता व्यवस्थाओं के मद्देनजर तैनात है। मंच पर सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था है। धर्मसभा में संतों और विश्ष्टजनों के अलावा आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल समेत संघ व विहिप के कुछ अन्य बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है। शनिवार को भी संघ के क्षेत्र प्रचारक स्तर के कई नेता अयोध्या में डेरा डाले रहे। पूरे दिन कारसेवकपुरम में हलचल बढ़ी रही। विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय समेत अन्य बड़े नेता बड़ा भक्तमाल में डेरा डाले रहे। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि धर्मसभा ऐतिहासिक होगी।
चुनाव आते ही सुर्खियों में आती अयोध्या
अयोध्या मुद्दे पर फ्रंटफुट पर रही भाजपा को आशीर्वाद समारोह के बहाने शिवसेना उसी की ऊर्जा स्थली पर चुनौती देती नजर आ रही है, जबकि विपक्ष अयोध्या के सद्भाव को बचाने की दुहाई दे रहा है। हर किसी की जुबान पर अयोध्या की चर्चा है।1984 के पहले तक जो अयोध्या एक कस्बानुमा धार्मिक नगरी थी, वही अब देश की सियासत का केंद्र बन गई। विवादित ढांचा ढहने से शिलादान तक कई पड़ाव देख चुकी अयोध्या की चौखट से सत्ता की राह निकलने लगी। चुनाव निकट आते ही अयोध्या सुर्खियों में आ जाती है। विपक्ष चुप है लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय में आशंका के बादल मंडराते देख सपाई दिग्गज पूर्व विधायक जयशंकर पांडे, तेजनरायन पांडेय पवन आदि शिवसेना और विहिप की मंशा पर सवाल खड़ेकर विरोध में आ डटे। बसपा नेता भी जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
रामलला के दर्शन करने वालों के कदम ठिठके
अयोध्या में आम दिनों की अपेक्षा शनिवार को सड़कों पर कदम रखने की जगह कम लेकिन संगीनों के साये और पुलिस की सख्ती ने रामलला के दर्शन करने वालों के कदम तक रोक लिये। शनिवार को 17680 भक्तों ने रामजन्म भूमि के दर्शन किये। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार शनिवार सुबह सात से 11 बजे के मध्य 8927 तथा दोपहर एक से शाम पांच बजे के मध्य 8753 भक्तों ने दर्शन किये। इससे पूर्व 22 नवंबर को 27365 भक्तों ने रामलला के दर्शन किये थे, जबकि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 23 नवंबर को 49112 भक्तों ने दर्शन किये थे। कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही अयोध्या में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई थी। अधिक संख्या में पुलिस की तैनाती और आवाजाही की सख्ती के चलते शनिवार भक्तों की कतार कम रही।