तीन महीने से कार्रवाई के लिए टहल रही फाइल
फैजाबाद : अजीब स्थिति है, प्रकरण गंभीर है, जिम्मेदार ¨चहित हैं। फिर भी कार्रवाई के लिए फ
फैजाबाद : अजीब स्थिति है, प्रकरण गंभीर है, जिम्मेदार ¨चहित हैं। फिर भी कार्रवाई के लिए फाइल तीन महीने से कलेक्ट्रेट में टहल रही है। बात हम कर रहे हैं तहसील / ब्लॉक सोहावल के पिलखावां ग्राम पंचायत अरकुना में स्थित तालाब के रकबे में निर्मित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की। एसडीएम सोहावल के अनुसार तीन महीने पहले रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। मांगी गई जानकारी में तत्कालीन तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के नाम हैं।
सूत्रों के अनुसार तत्कालीन तहसीलदार रामहर्ष मौर्य, प्रभारी राजस्व निरीक्षक रामसरन मौर्य व लेखपाल रामदेव के नाम का उल्लेख है। कार्रवाई के लिए पेच तहसीलदार की तैनाती पर फंसा है। स्थानांतरित होकर वह जा चुके हैं। उनके तैनाती के जिले का पता नहीं लग सका। प्रभारी राजस्व निरीक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेखपाल को सदर तहसील में तैनात बताया गया है। तालाब की जमीन पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बनने का शायद खुलासा न होता, अगर उसी ग्राम पंचायत के चिरैंधापुर निवासी ने आरटीआइ के तहत तालाब की भूमि पर शौचालय निर्माण की जानकारी न मांगते। उसी जानकारी में तहसील प्रशासन ने शौचालय के अलावा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय समेत अन्य निर्माण का उल्लेख किया है। उसी की खबर जागरण में प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया।
सोहावल तहसील प्रशासन से कार्रवाई के लिए तत्कालीन तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल के नाम मांगे गए। सोहावल तहसील प्रशासन को इनके नाम भेजे करीब तीन महीने हो गए। फाइल आगे नहीं बढ़ सकी कार्रवाई के लिए। खास बात यह है कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर जिस जमीन को विद्यालय के नाम किया था, वह उसी के बगल है। तहसील अमले ने निर्माण के लिए पैमाइश तालाब की जमीन पर कर दी।