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निर्मोही अखाड़ा ने दाखिल की आपत्ति, अधिग्रहीत भूमि न्यास को देने का विरोध

आपत्ति में मांग की गई कि सरकार की याचिका के आधार पर जिन पक्षों को भूमि वापस की जानी है उनमें निर्मोही अखाड़ा को भी शामिल किया जाए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 10:07 PM (IST)
निर्मोही अखाड़ा ने दाखिल की आपत्ति, अधिग्रहीत भूमि न्यास को देने का विरोध
निर्मोही अखाड़ा ने दाखिल की आपत्ति, अधिग्रहीत भूमि न्यास को देने का विरोध

अयोध्या, जेएनएन। निर्मोही अखाड़ा की ओर से सोमवार को सुप्रीमकोर्ट में आपत्ति दाखिल की गई। इसमें अधिग्रहीत रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर की भूमि वापस करने संबंधी केंद्र सरकार की याचिका को ध्यान में रखकर मांग की गई कि अधिग्रहीत भूमि में निर्मोही अखाड़ा की भूमि भी शामिल है। आपत्ति में मांग की गई कि सरकार की याचिका के आधार पर जिन पक्षों को भूमि वापस की जानी है, उनमें निर्मोही अखाड़ा को भी शामिल किया जाए।

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निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता तरुणजीत वर्मा के अनुसार वर्तमान में अधिग्रहीत परिसर 71.68 एकड़ का है और सरकार की याचिका के अनुसार विवादित .331 एकड़ छोड़कर बाकी भूमि सरकार ने यह कह कर वापस मांगी है कि उसे इस भूमि के स्वामी को सौंपना है। 

वर्मा की मानें तो सरकार याचिका के माध्यम से अधिग्रहीत परिसर की भूमि रामजन्मभूमि न्यास को वापस सौंपना चाहती है पर यह न्याय संगत नहीं होगा। निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुप्रीमकोर्ट को अवगत कराया गया है कि 1991 में प्रदेश की तत्कालीन कल्याण ङ्क्षसह सरकार ने भूमि का अधिग्रहण कर न्यास को सौंपा था। वह आदेश निर्मोही अखाड़ा की याचिका पर हाईकोर्ट 11 दिसंबर 1992 को ही खारिज कर चुका है। 


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