तेजी से तैयार होंगी धान की नई प्रजातियां
प्रवीण तिवारी, फैजाबाद : नरेंदद्रेव कृषि विश्वविद्यालय में धान की उत्तम, मौसमानुकूल व किसानों क
प्रवीण तिवारी, फैजाबाद : नरेंदद्रेव कृषि विश्वविद्यालय में धान की उत्तम, मौसमानुकूल व किसानों की मांग के मुताबिक धान की नई प्रजातियां विकसित की जाएंगी। इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में ही धान पर अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए चार करोड़ 53 लाख रुपये खर्च किए जाने को प्रशासनिक अनुमति मिल गई है। कुलपति प्रो.जेएस संधू ने इसी कार्य के लिए पूर्व में शासन को पुनरीक्षित प्रस्ताव भेजा, जिस पर शासन ने मुहर लगा दी। जल्द ही इस दिशा में कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इस योजना में एक इस तरह का केंद्र भी विकसित होगा, जहां वर्ष के प्रत्येक मौसम में धान पर शोध कार्य किया जा सकेगा।
शोध की गतिविधियां कृषि विवि परिसर के साथ फसल अनुसंधान केंद्र डाभासेमर व बहराइच के घाघराघाट में संचालित होगी। इसके अंतर्गत एक हाईटेक केंद्र खुलेगा, जिसमें वर्ष भर धान पर शोध कार्य होगा। अबतक सिर्फ सीजन में ही धान की प्रजातियों पर शोध किया जाता है। डाभासेमर अनुसंधान केंद्र धान पर शोध के लिए प्रख्यात रहा। यहीं से सरयू-52 भी विकसित हुआ, जो पूरे देश के किसानों में लोकप्रिय हुआ। लेकिन बदलते वक्त और मौसम में धान की नई प्रजातियों के विकास की रफ्तार स्लो हो गई। कुलपति प्रो.जेएस संधू की तैनाती के बाद इस दिशा में तेजी आई। धान पर अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्र खोलने की वीसी ने नए सिरे से प्रयास तेज किए। वीसी ने नए सिरे से इस दिशा में कोशिश शुरू की और कामयाबी भी मिली। इसकी पुष्टि वीसी प्रो.संधू ने की। इस केंद्र के खुलने का उद्देश्य यहां किसानों की मांग के अनुरूप धान की प्रजातियों को कम समय में विकसित करना और इसे जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाना है, जिससे किसान उपयोगी धान की प्रजातियों को उपयोग कर भरपूर उत्पादन ले सके। वीसी ने बताया कि इस केंद्र में धान की नई प्रजातियों को तेजी से शोध कार्य किया जाएगा।