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मंदिर-मस्जिद विवाद के हल का नया सूत्र, विश्वधर्मी राममानवता भवन

राम जन्मभूमि विवाद के समाधान का नया सूत्र प्रस्तुत हुआ। हालांकि संत समाज और विश्व हिंदू परिषद इस नए राग अलापने से नाराज है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 07 Jan 2018 09:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jan 2018 09:08 PM (IST)
मंदिर-मस्जिद विवाद के हल का नया सूत्र, विश्वधर्मी राममानवता भवन
मंदिर-मस्जिद विवाद के हल का नया सूत्र, विश्वधर्मी राममानवता भवन

फैजाबाद (जेएनएन)। राम जन्मभूमि विवाद के समाधान का नया सूत्र प्रस्तुत हुआ। मौका, महाराष्ट्र के आलंदी स्थित एमआइटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी एवं विश्व शांति केंद्र के 40 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के अयोध्या आगमन का था। मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास शास्त्री ने कहा, अयोध्या मे आकर हिंदुओं की आस्था के विपरीत राग अलापना दुर्भाग्यपूर्ण है। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा, महाराष्ट्र से अयोध्या पहुंचे विश्वशांति केंद्र के लोगों का सुझाव बेतुका है।

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रामलला का दर्शन 

प्रतिनिधिमंडल में वल्र्ड पीस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष व प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. डॉ. विश्वनाथ कराड के नेतृत्व में बुद्धिजीवी शामिल रहे। इनमें नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर, नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एसएन पठान, शीर्ष पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक, वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र शेंडे, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. अरिफ मोहम्मद खान, भारत रत्न अबुल कलाम आजाद के पौत्र तथा वरिष्ठ पत्रकार फिरोज बख्त अहमद, जाने-माने इस्लामिक विद्वान अनीस चिश्ती, दिग्गज अधिवक्ता सिराज कुरैशी आदि सहित अयोध्या के ही युवा संत डॉ. राघवेशदास प्रमुख रूप से शामिल रहे। इस दल ने रामलला का दर्शन किया और फिर मीडिया से बातचीत में अपनी भावी योजना के बारे में जानकारी दी। हालांकि शनिवार शाम फैजाबाद पहुंचने के साथ ही दल ने अपने प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी थी और एक गोष्ठी कर सुझाव दिया कि विवादित 2.77 एकड़ की भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो तथा उससे लगी 67 एकड़ अधिग्रहित भूमि पर विभिन्न धर्मों के आकर्षक मंदिर बनें। दल अपनी इस संकल्पना को विश्वधर्मी राम मानवता भवन का नाम दे रहा है। प्रो. विश्वनाथ कराड ने अयोध्या में विश्वविद्यालय स्थापित कराने की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में अध्यात्म एवं विज्ञान की समन्वित शिक्षा का प्रबंध होगा। प्रो. कराड ने नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास से भी भेंट की और अपने अभियान के लिए समर्थन मांगा।

संत समाज व विहिप नाराज

विहिप समर्थक संतों ने मंदिर-मस्जिद विवाद के समाधान के लिए विश्वशांति केंद्र के सुझाव पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने कहा, मुट्ठी भर लोग अयोध्या आकर अधिग्रहीत परिसर में मंदिर, मस्जिद और चर्च के निर्माण की बात करके हिंदुओं को उद्वेलित करने का काम कर रहे हैं। सद्गुरुसदन के महंत सियाकिशोरीशरण ने कहा, अधिग्रहीत परिसर में अन्य धार्मिक केंद्रों की रट मूर्खतापूर्ण है।  


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