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मोटापा कम करने वाले काले गेहूं के उत्पादन की तैयारी

अयोध्या नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय में काले धान के उत्पादन का सिलसिला शुरू होने के बाद यहां पहली बार काले रंग के गेंहू बोने की तैयारी शुरू हो रही है। इसे यहां टेस्टिग के लिहाज से बोया जाएगा। सफलता मिलने के बाद इस गेंहू की प्रजाति का बीज तैयार किया जाएगा। साथ ही प्रदर्शन के लिए परिक्षेत्र भी विकसित किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:05 AM (IST)
मोटापा कम करने वाले काले गेहूं के उत्पादन की तैयारी
मोटापा कम करने वाले काले गेहूं के उत्पादन की तैयारी

अयोध्या : नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय में काले धान के उत्पादन का सिलसिला शुरू होने के बाद यहां पहली बार काले रंग के गेंहू बोने की तैयारी शुरू हो रही है। इसे यहां टेस्टिग के लिहाज से बोया जाएगा। सफलता मिलने के बाद इस गेंहू की प्रजाति का बीज तैयार किया जाएगा। साथ ही प्रदर्शन के लिए परिक्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। काले रंग के गेंहू के प्रयोग से मोटापा कम होने तथा हृदय के लिए रामबाण है। इसका आटा हृदय को स्वस्थ रहने में मददगार होता है। प्रसार निदेशालय के अनुसार काला गेंहू मूलत: विदेश की प्रजाति है, लेकिन देश में पहली बार इस प्रजाति को मोहाली स्थिति नेशनल एग्रीकल्चलर बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट ने उत्पादित किया। यही पर तीन रंग के गेंहू की प्रजाति तैयार की। यहां ब्लैक, ब्लू व परपल रंग का है। --------इनसेट-------- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अयोध्या : गेंहू की बिक्री तीन हजार रुपये प्रति क्विटल होती है। फल व पत्तियों में पिगमेंट होता है। इसे एंथोसाइनिन पिगमेंट कहा जाता है, इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर के अंदर से फ्री रेडिकल यानि निष्प्रयोज्य पदार्थ को बाहर निकलता है। शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है। काले गेंहू के उपभोग से मोटापा कम होता है। -------इनसेट------ ये भी है गुण अयोध्या : एनडीयू के प्रसार निदेशक डॉ. एपी राव ने बताया कि नार्मल गेंहू में एंथोसाइनिन पिगमेंट पांच पीपीएम, (पार्ट पर मिलियन) होता है, लेकिन काले रंग के गेंहू में 150 पीपीएम। नार्मल गेंहू में जिक व आयरन जितना होता है, इस गेंहू में 60 फीसद अधिक पाया जाता है। इसका उत्पादन 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर किया जाता है। यह 130-135 दिन में तैयार हो जाता है, पर सामान्य गेंहू के सापेक्ष इसका उत्पादन कम होता है। प्रारंभ में इसकी बालियां हरी होती है। उन्होंने बताया कि मोहाली के बाद इसकी टेस्टिग भी की जाएगी।

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