राममंदिर के समर्थन में उतरे दो दर्जन मुस्लिम
वासुदेवघाट स्थित हनुमानबाग मंदिर में बब्लू खान के नेतृत्व में एकत्र हुए दो दर्जन मुस्लिमों ने बाबरी मस्जिद का दावा छोड़ने का एलान किया। इस दौरान मुस्लिमों ने अपने हस्ताक्षर एवं आधारकार्ड के साथ सुप्रीमकोर्ट में राममंदिर के पक्षकार धर्मदास के अधिवक्ता एवं पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र चौबे को इस आशय का पत्र भी सौंपा। पत्र में बताया गया है कि हाईकोर्ट की इलाहाबाद खंड पीठ ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि विवादित
अयोध्या : वासुदेवघाट स्थित हनुमानबाग मंदिर में युवा मुस्लिम नेता बब्लू खान के नेतृत्व में एकत्र हुए दो दर्जन मुस्लिमों ने बाबरी मस्जिद का दावा छोड़ने का एलान किया। इस दौरान मुस्लिमों ने अपने हस्ताक्षर एवं आधार कार्ड के साथ सुप्रीमकोर्ट में राममंदिर के पक्षकार धर्मदास के अधिवक्ता एवं पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र चौबे को इस आशय का पत्र भी सौंपा। पत्र में बताया गया है कि हाईकोर्ट की इलाहाबाद खंड पीठ ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि विवादित संरचना अथवा बाबरी मस्जिद का निर्माण मंदिर के खंडहर पर या मंदिर को गिराकर हुआ था। ऐसे में वहां नमाज पढ़ना दुरुस्त नहीं है और हम सब उस भूमि पर राममंदिर बनाए जाने की सहमति देते हैं और हमें भविष्य में कोई एतराज नहीं है। पत्र में अयोध्या के सभी मुस्लिमों से अनुरोध किया गया है कि वे लोग भी मंदिर निर्माण में सहमति दें। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले मुस्लिमों में बब्लू खान सहित मो. मेंहदी, निहाल अब्बास, मो. आफताब, जफर अब्बास, मुर्तजा हुसैन, मो. हैदर, मो. रजा, आजम हुसैन, मो. ओन, हसन मेंहदी, फरजंद अली, एसएम जाफर, परवेज हुसैन, कमर अब्बास, मो. आरिफ खान, मो. हुसैन, इब्ने हसन, अदनान खान, रिजवान हैदर एवं हैदर मेंहदी के हस्ताक्षर हैं। अधिवक्ता वीरेंद्र चौबे ने बताया, राममंदिर के प्रति मुस्लिमों की सहमति का पत्र अदालत के सम्मुख भी प्रस्तुत किया जाएगा। राममंदिर का समर्थन करने वाले मुस्लिमों के दल का नेतृत्व कर रहे बब्लू खान ने कहा, बाबरी मस्जिद मंदिर के ढांचे पर बनाए जाने की सच्चाई असंदिग्ध है और ऐसे में कोई भी सच्चा मुस्लिम वहां नमाज अदा करने की कल्पना भी नहीं करेगा। उन्होंने मुस्लिमों से आह्वान किया कि जब वहां नमाज नहीं पढ़ी जा सकती, तो उन्हें मंदिर से अपना दावा छोड़ कर हिदुओं के सामने मिसाल पेश करनी चाहिए।