Ayodhya: रामलीला में प्रभु श्रीराम के जीत का जश्न मनाता है मुस्लिम परिवार, दुर्गा मां के प्रति है विशेष आस्था
अयोध्या में मंदिर मस्जिद विवाद भी इन मुस्लिम लोगों की आस्था को भंग नहीं कर पाई। रुदौली के मुस्लिम लोग आज भी प्रभु श्रीराम की जीत का जश्न मनाते चले आ रहे हैं। वे दुर्गा मां के प्रति भी विशेष आस्था रखते।
अयोध्या, [प्रहलाद तिवारी]। राम नगरी में जहां मंदिर मस्जिद विवाद अरसे तक दो संप्रदायों के बीच खाई की तरह रहा हो, उसी अयोध्या के एक हिस्से में प्रभु श्रीराम की जीत का जश्न मुस्लिम भी मनाते हैं। सामाजिक सद्भाव को मजबूत करते हुए यहां दशहरा व दुर्गा पूजा पर्व सौहार्द्र की मिसाल बन गया। जिनके लिए भगवान और अल्लाह एक ही हैं, उनके लिए धार्मिक वर्जनाएं कोई मायने नहीं रखतीं। ऐसे लोगों के लिए सामाजिक सदभाव ही सबसे बड़ी पूंजी होती है।
भगवान राम का राजतिलक करते हैं मुस्लिम
समाजसेवी डा. नेहाल रजा की मौजूदगी के बिना रामलीला के मंच सूने से लगते हैं। साझी विरासत के मांझी डा. रजा का रामलीला के प्रति अरसे से अनुराग रहा है। वह भगवान राम का राज तिलक करते हैं, तो रामराज्य की परिकल्पना भी साकार होती नजर आती है। वह प्रतिदिन नगर की रामलीलाओं में तय समय पर पहुंच जाते हैं और मंचन समाप्त होने के बाद ही आते हैं।
प्रभु श्रीराम व अल्लाह में समान आस्था
डा. रजा कहते हैं कि प्रभु श्रीराम व अल्लाह में समान आस्था रखता हूं। उपस्थित जन समूह से प्रभु श्रीराम के चरित्र को अंगीकार करने की सलाह देते हुए कहते हैं कि राम का आदर्श हर वर्ग को प्रेरित करता है। रामलीला समितियां डा. रजा को सम्मानित कर चुकी हैं। बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष कमरुद्दीन अहमद की दुर्गा माता के प्रति असीम श्रद्धा है। वह पूजा पंडालों में जाकर पूजन दर्शन करते हैं। मलिकजादा वार्ड के पूर्व सभासद मो. शाहिद खां भुलई दुर्गा पूजा पंडालों से लेकर रामलीला तक के मंचों पर नजर आते हैं।
मां दुर्गा के प्रति विशेष आस्था रखते हैं मुस्लिम
पूर्व बार अध्यक्ष अफसर रजा रिजवी नवरात्र में मां कामाख्या के दरबार में पहुंच कर पूजा अर्चना करते हैं। पालिकाध्यक्ष जब्बार अली भी रामलीला के मंचों पर पहुंच कर सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं। वह दुर्गा पूजा विसर्जन के दिन किला चौराहे पर प्याऊ लगा कर मां के भक्तों की सेवा करते हैं। ख्वाजाहाल मैदान से निकलने वाली भरत मिलाप यात्रा पर पुष्प वर्षा डा. निहाल रजा की अगुवाई में मुस्लिम संप्रदाय के लोग करते हैं।