नहीं रहे प्रसिद्ध संगीतज्ञ मन्नू लाल
फैजाबाद : दादरा, ठुमरी, कजरी समेत संगीत की तमाम विधाओं में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाल
फैजाबाद : दादरा, ठुमरी, कजरी समेत संगीत की तमाम विधाओं में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाले मन्नूलाल नहीं रहे। कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारी के पद से हुए थे सेवानिवृत्त। सेवाकाल में भी संगीत से उनका गहरा जुड़ाव रहा। सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी संगीत साधना और भी गहराती चली गई। भाव प्रधान भजनों की उनकी गायकी बेहद लोकप्रिय रही। गुरुवार की शाम सुल्तानपुर से लौटते समय कार एक्सीडेंट में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें लखनऊ के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके साथ ही सुल्तानपुर से आ रहे युवा गायक अंकित सलूजा को भी नहीं बचाया जा सका। वह अंकित के संगीत के शिक्षक भी थे।
गुरु-शिष्य की दुर्घटना में मौत उनके प्रशंसकों के साथ ही साहित्य व संगीत प्रेमियों को भौंचक करने वाला रहा था। जमथरा घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। मन्नूलाल को पुत्र संजयकुमार ने मुखाग्नि दी। उनके शिष्य अंकित सलूजा का अंतिम संस्कार भी जमथरा घाट पर हुआ। उन्हें उनके बड़े भाई अनुराग सलूजा ने मुखाग्नि दी। दोनों के निधन पर रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, पंचमुखी महादेव मंदिर के आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण, इतिहासकार डॉ. हरिप्रसाद दुबे, संगीतज्ञ देवप्रसाद पांडेय, एमबी दास, संपर्क संस्था के मंत्री दीपक मिश्र, शिवकुमार तिवारी आदि ने शोक जताया है। वहीं कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शोकसभा कर मन्नूलाल को श्रद्धांजलि दी। संघ के पतिराम यादव, इंतजारअहमद, राजेश वर्मा, परमानंद मिश्र, अशोक सोनकर, रवींद्र चौधरी, रामकुमारी पाल, सरजू वर्मा, उमेशचंद्र श्रीवास्तव, मेंहदी हसन, शुऐब खान, ह्रदयराम, लोकेश श्रीवास्तव, भगवान प्रसाद, राजेश कुमार, शाहिद इमरान, विक्रम ¨सह व भूपेंद्र आदि ने शोक जताया।