मंदिर निर्माण कार्यशाला में चल रही शिलाओं की नाप-जोख
तराशी गई शिलाओं को राम मंदिर निर्माण में प्रयुक्त करने की तैयारी
अयोध्या : रामघाट स्थित रामजन्मभूमि कार्यशाला में तराशी गई शिलाओं की नाप-जोख की जा रही है। इसी के साथ ही शिलाओं के मंदिर के रूप में ढलने के लिए रामजन्मभूमि पहुंचने की आहट सुनी जाने लगी है। न्यास कार्यशाला में 1990 से ही शिलाओं की तराशी की जा रही है। हालांकि प्रस्तावित मंदिर के आकार में वृद्धि से न्यास कार्यशाला के प्रयास सीमित पड़ गए हैं।
पूर्व प्रस्तावित 128 फीट ऊंचे, 268 फीट लंबे और 140 फीट चौड़े मंदिर निर्माण के हिसाब से आधे से अधिक पत्थरों की तराशी हो गई थी। पूर्व प्रस्तावित मंदिर में पौने दो लाख घन फीट पत्थर प्रयुक्त होना था और करीब एक लाख घन फीट शिलाओं की तराशी हो चुकी थी। यानी करीब दो तिहाई शिलाओं की तराशी हो चुकी थी लेकिन प्रस्तावित मंदिर के आकार में वृद्धि के साथ परिदृश्य बदल गया है। आकार वृद्धि के बाद प्रस्तावित मंदिर पूर्व की अपेक्षा 212 की बजाय 318 स्तंभों व पूर्व के एक मुख्य शिखर तथा दो उप शिखर की बजाय एक मुख्य शिखर तथा पांच उप शिखर एवं पूर्व प्रस्तावित मंदिर के आकार की अपेक्षा करीब पौने दो गुना (161 फीट ऊंचे, 360 फीट लंबे एवं 235 फीट चौड़े) बड़े मंदिर के लिए करीब चार लाख घन फीट शिलाओं की तराशी होनी है।
परिदृश्य बदलने के बाद एक तिहाई शिलाओं की तराशी के बजाय तीन चौथाई शिलाओं की तराशी शेष रह गयी है। मंदिर के आकार में वृद्धि तो हुई है, पर मंदिर का नक्शा हूबहू पूर्व जैसा ही है। ऐसे में तराशी जा चुकी प्रत्येक शिला शत-प्रतिशत उपयोगी है। जबकि मंदिर के लिए बाकी शिलाएं रामजन्मभूमि परिसर में ही तराशी जाएंगी।
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विशेष वाहन, विशेष मार्ग और विशेष द्वार
- कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा कहते हैं, नींव तैयार होते ही शिलाएं रामजन्मभूमि परिसर की ओर रवाना होने लगेंगी। टनों वजनी शिलाएं ले जाने के लिए विशेषज्ञों की निगरानी में विशेष वाहन प्रयुक्त होंगे और इसके लिए विशेष मार्ग का प्रयोग भी करना पड़ेगा। हनुमानगढ़ी चौराहा की ओर से न्यास कार्यशाला रामजन्मभूमि से बमुश्किल डेढ़ किलोमीटर दूर है, पर शिलाएं कहीं अधिक प्रशस्त पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से करीब पांच किलोमीटर का सफर तय कर टेढ़ीबाजार चौराहा की ओर से रामजन्मभूमि परिसर तक पहुंचेंगी। शिलाओं की निकासी के लिए कार्यशाला परिसर में दक्षिण की ओर विशेष द्वार भी बनाये जाने की तैयारी है।