मामूली विवाद का खूनी अंत था मंजीत हत्याकांड
गत 13 अक्टूबर को शहर के देवकाली नील गोदाम इलाके में हुई थी वारदात. दुर्गापूजा स्थल पर गाड़ी हटाने को लेकर किसी और से हुए विवाद में मारा गया निर्दोष मंजीत.
अयोध्या : दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान हुए मंजीत हत्याकांड का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। शहर के देवकाली नील गोदाम इलाके में हुई मंजीत यादव की हत्या मामूली विवाद का खूनी अंत थी। हमलावरों का विवाद किसी और से हुआ, जिसका खामियाजा निर्दोष मंजीत को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। रविवार को पत्रकार वार्ता में एसएसपी शैलेश पांडेय ने वारदात के रहस्य से पर्दा उठाते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत 13 अक्टूबर की रात मंजीत यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मंजीत के पिता की कमलेश की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी ने बताया कि रामनगरी के कनीगंज आनंदबाग निवासी दिवाकर सिंह उर्फ सनी रेस्टोरेंट संचालक है। रेस्टोरेंट में कार्य करने वाली एक युवती देवकाली नील गोदाम के पास किराए के मकान में रहती है। घटना के दिन सनी उसे छोड़ने गया था, जहां एक स्थानीय युवक से कहासुनी हो गई। यह बात उसने अपने स्वजनों एवं साथियों को बताई। कुछ देर बाद कई वाहनों से पहुंचे लोगों ने मोहल्ले में सजे दुर्गापूजा पंडाल के पास विवाद शुरू कर दिया। शोर सुन कर मंजीत भी वहां पहुंच गया। इसी बीच सनी ने लाइसेंसी असलहे से फायरिग कर दी और गोली मंजीत को लग गई। मंजीत को बचाने में उसकी दो बहनें खुशी और लकी भी गोली लगने से घायल हो गईं। इस मामले की जांच में 14 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसमें से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। छह वाहन भी बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में सनी सिंह के अतिरिक्त उसका भाई सुधाकर सिंह, देवगढ़ निवासी उपेंद्र सिंह व सुल्तानपुर जिले के दोस्तपुर निवासी रितेश सिंह शामिल हैं। फरार चल रहे अभियुक्तों पर 25-25 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया है। हालांकि मंजीत के पिता कमलेश का आरोप है कि एक युवक ने मंजीत को बहाने से घर से बुला कर गोली मारी गई है। कमलेश ने घटना के पीछे भू माफिया की साजिश बताई है।