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महाराष्ट्र के युवक ने लगाई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाता में सेंध, आरोपी का खाती सीज;होगी गिरफ्तारी

Cloned Cheque of Ram Mandir Trust अयोध्या के डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि जालसाजी करने वाला महाराष्ट्र का युवक है। उसके खिलाफ अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 06:09 PM (IST)
महाराष्ट्र के युवक ने लगाई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाता में सेंध, आरोपी का खाती सीज;होगी गिरफ्तारी
महाराष्ट्र के युवक ने लगाई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाता में सेंध, आरोपी का खाती सीज;होगी गिरफ्तारी

अयोध्या, जेएनएन। भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खाते में महाराष्ट्र के युवक ने सेंध लगाई है। उसके खिलाफ तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने केस दर्ज कराया है। उसका खाता सीज करने के साथ ही पुलिस की टीमें उसकी तलाश में महाराष्ट्र तथा लखनऊ रवाना हो गई हैं। माना जा रहा है कि शीघ्र ही उसकी गिरफ्तारी होगी।

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अयोध्या के डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि जालसाजी करने वाला महाराष्ट्र का युवक है। उसके खिलाफ अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। उसको पकडऩे के लिए एक टीम लखनऊ व दूसरी टीम महाराष्ट्र रवाना हो गई है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद बैंक ने आरोपित का खाता सीज कर दिया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से क्लोनिंग चेक की मदद से छह लाख रुपया निकाला गया है। इनमें से चार लाख रुपया आरोपित ने खर्च कर दिया है जबकि दो लाख रुपया उसके खाता में हैं। उसके खाता को सीज कर दिया गया है, जिससे कि ट्रस्ट का दो लाख रुपया सुरक्षित है।

जालसाज ने ट्रस्ट के खाता से छह लाख रुपया तो निकाल लिया, लेकिन अपने खाते से अभी तक वह चार लाख रुपया ही निकाल पाया था। छह लाख रुपया अपने खाता में ट्रांसफर करने के बाद जालसाज नौ लाख 86 हजार रुपया का क्लोनड चेक लगाकर फर्जी भुगतान के प्रयास में था। तीनों क्लोन चेक की ओरिजनल कॉपी ट्रस्ट के ऑफिस में मौजूद है। अब सबसे बड़ा सवाल आखिर जालसाज ने चंपत राय तथा अन्य के फर्जी हस्ताक्षर कैसे बनाए हैं।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो चेक बुक ट्रस्ट के कार्यालय में मौजूद थी उसकी क्लोनिंग कैसे हो गई। दूसरा बड़ा सवाल यह भी है कि आखिरकार कैसे नकली हस्ताक्षर बना दिए गए। तीसरा बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इतने बड़े भुगतान के समय संबंधित बैंक की शाखा ने खाताधारक से फोन द्वारा पुष्टि क्यों नहीं कराई। सभी सवालों को लेकर स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इन सभी बिंदुओं पर पुलिस अब गंभीरता से जांच कर रही है। 


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