न्यास अध्यक्ष के जन्मोत्सव से तय होगी मंदिर आंदोलन की दिशा
अयोध्या : रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास का
अयोध्या : रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास का 80वां जन्मोत्सव मंदिर आंदोलन का भविष्य प्रशस्त करने वाला होगा। हालांकि न्यास अध्यक्ष का जन्मोत्सव मंदिर आंदोलन का अधिकृत मंच नहीं है पर इस उत्सव में न केवल मंदिर आंदोलन के वाहकों की थोक के भाव में भरमार होगी बल्कि राम मंदिर के पर्याय के रूप में न्यास अध्यक्ष का खुद का किरदार भी मंदिर के प्रति सरोकार रोशन करेगा। 10 दिवसीय उत्सव की शुरुआत 18 जून को होगी। उद्घाटन अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के मौजूद होने की संभावना जताई जा रही है। राज्यपाल न्यास अध्यक्ष के पूर्व के जन्मोत्सव में शरीक होते रहे हैं। इस बार भी उनकी शिरकत राज्यपाल की गरिमा के साथ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रखर दूत की होगी, तो अमित शाह की मौजूदगी यह स्पष्ट करेगी कि राम मंदिर के प्रति भाजपा का अनुराग असंदिग्ध है पर इतने भर से काम नहीं चलेगा। गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत ¨सह के अनुसार चाहे वह केंद्र की मोदी सरकार हो, प्रदेश की योगी सरकार हो या अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा, सत्ता एवं सियासत के इन सभी घटकों ने देश एवं संस्कृति को गौरव दिलाने का गंभीर प्रयास किया है पर यह प्रयास तब फलीभूत माना जाएगा, जब मोदी सरकार कार्यकाल पूरा करते-करते मंदिर निर्माण की संभावना सुनिश्चित करे। बहरहाल, न्यास अध्यक्ष का जन्मोत्सव आगे बढ़ने के साथ जहां मंदिर आंदोलन से जुड़े नेतृत्व का जमावड़ा पुख्ता होगा, वहीं मंदिर निर्माण की अपेक्षा भी अंगड़ाई लेगी। इस बीच मंदिर आंदोलन एवं भाजपा नेतृत्व के बीच दशकों तक सेतु रहे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ¨सह एवं सड़क परिवहन, जहाजरानी तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी न्यास अध्यक्ष को बधाई देने के लिए आने वालों में होंगे और यह सहज संभावित है कि वे इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से न्यास अध्यक्ष और राम मंदिर के प्रति भरपूर निष्ठा प्रदर्शित करेंगे। जन्मोत्सव में मंदिर आंदोलन की शीर्ष नायिका रहीं केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती भी शिरकत करेंगी और इसमें कोई शक नहीं कि गैरिक वसना उमा भारती न्यास अध्यक्ष के जन्मोत्सव के मौके पर रामनगरी में हों और राम मंदिर के भविष्य पर अपना नजरिया स्पष्ट किए बगैर ही चली जाएं। न्यास अध्यक्ष के जन्मोत्सव और राम मंदिर के समीकरण का शिखर 25 एवं 26 जून को परिभाषित होगा, जब दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद, पूर्व सांसद डॉ. रामविलासदास वेदांती जैसे शीर्ष संतों सहित विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे एवं विहिप की अगली कतार के कई अन्य नेता अपना नजरिया रखेंगे। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे, मुख्यमंत्री बनने से पूर्व जिनकी पहचान ¨हदुत्व के आतिशी प्रवक्ता एवं मंदिर के प्रबल समर्थकों में रही है। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं, जाहिर है कि संतों के साथ विहिप एवं भाजपा नेतृत्व एक मंच पर आएगा, तो मंदिर निर्माण की संभावना पर विमर्श छिड़ेगा ही।