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'मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाता फिरता था'

अयोध्या कड़ाके की ठंड और घने कोहरे में बीती रात जीआइसी के माहौल में कविताओं की गर्माहट घुली रही। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर बुधवार की शाम हुए कवि सम्मेलन में ओज श्रृंगार और हास्य रस की छटा बिखरी। देश के शीर्ष कवियों ने अपनी रचनाओं से सर्द रात में गर्माहट घोले रखी। डॉ. हरिओम पंवार ने अपनी ओजपूर्ण रचनाओं ने राष्ट्रवाद का रंग चटख किया। मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन को गाता फिरता था कविता पर उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी। कविता से उन्होंने सेना की शौर्य गाथा को भी बयां किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 11:28 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 06:04 AM (IST)
'मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाता फिरता था'
'मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन गाता फिरता था'

अयोध्या: कड़ाके की ठंड और घने कोहरे में बीती रात जीआइसी के माहौल में कविताओं की गर्माहट घुली रही। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर बुधवार की शाम हुए कवि सम्मेलन में ओज, श्रृंगार और हास्य रस की छटा बिखरी। देश के शीर्ष कवियों ने अपनी रचनाओं से सर्द रात में गर्माहट घोले रखी। डॉ. हरिओम पंवार ने अपनी ओजपूर्ण रचनाओं ने राष्ट्रवाद का रंग चटख किया। 'मैं घायल घाटी के दिल की धड़कन को गाता फिरता था' कविता पर उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी। कविता से उन्होंने सेना की शौर्य गाथा को भी बयां किया।

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डॉ. कुंवर बेचैन ने 'तुमको उचित ध्रुव तारा का उदाहरण' कविता से श्रोताओं की वाहवाही पाई। राजेंद्र पंडित ने 'मार-मार कर पढ़ाने का उस समय कायदा था' से लोगों को खूब हंसाया। अमित शर्मा ने 'एक के बदले दस मारे, सावरकर होना मुश्किल है' कविता से श्रोताओं की तालियां बटोरीं। डॉ. भुवन मोहिनी ने 'हो गई हो गई रे बावरिया दुनिया हो गई रे' रचना से श्रोताओं का दिल जीता। गुनवीर राणा ने 'यहां तहजीब से रहना पड़ेगा' व अभय निर्भीक ने 'सैनिक के चरणों में शीश अपना झुकाता हूं' कविता से श्रोताओं की वाह-वाही बटोरी। पद्मिनी शर्मा ने 'उम्मीदों के सितारों को पलकों पे सजा लूंगी' व विनीत चौहान ने 'कश्मीर के चक्कर में लाहौर कराची दे दोगे' कविता से तालियां बटोरीं। शिव कुमार व्यास ने पटेल का पत्र शीर्षक अपनी कविता से श्रोताओं की तालियां बटोरीं। जमुना प्रसाद उपाध्याय ने 'बरगद हैं कि पौधों को पनपने नहीं देते' रचना से श्रोताओं की तालियां पाईं। अशोक टाटंबरी, डॉ. मानसी दिवेदी व मृगेंद्र राज ने अपनी प्रस्तुति लोगों का दिल जीता। संचालन प्रियांशु गजेंद्र ने किया। सभी कवियों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। सम्मेलन के संयोजक सांसद लल्लू सिंह ने कवियों व श्रोताओं के प्रति आभार जताया। सम्मेलन में मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, जिलाधिकारी अनुज झा, सहकारी बैंक के सभापित धर्मेंद्र प्रताप सिंह टिल्लू, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, महंत मनमोहन दास, महंत गिरीशपति त्रिपाठी, ओमप्रकाश सिंह, कमलाशंकर पांडेय, जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, महानगर जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, सुशील जायसवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय गुप्ता, आदित्य नारायण मिश्रा, मवई ब्लॉक प्रमुख राजीव तिवारी, सर्वजीत सिंह, शिवकुमार सिंह, अशोक कसौधन, रमेश सिंह, मुन्ना सिंह, गिरीश पांडेय डिप्पुल, कृष्णकुमार पांडेय खुन्नू, मनोज श्रीवास्तव, मनमोहन जायसवाल, ब्रह्मानंद शुक्ला, कमलेश श्रीवास्तव, दिवाकर सिंह, परमानंद मिश्रा, संजीव सिंह, राधेश्याम त्यागी, विकास सिंह, अभय सिंह, अशोका द्विवेदी, रीना द्विवेदी, स्मृता तिवारी, शेखर जायसवाल, शिवम सिंह, नितिन पांडेय आदि थे। उधर विधायक गोरखनाथ बाबा ने मिल्कीपुर में जरूरतमंदों को कंबल का वितरण किया। उन्होंने कहाकि अटल जी का व्यक्तित्व व कृतित्व प्रेरणादायी है। इस मौके पर चंद्रबली सिंह, जनार्दन मौर्या आदि थे।


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