मंदिर निर्माण की बाधा दूर करे सरकार : सुरेशदास
अयोध्या : दो नवंबर 1990 की कारसेवा में अर्द्धसैनिक बलों की गोली के शिकार कारसेवकों को श्र
अयोध्या : दो नवंबर 1990 की कारसेवा में अर्द्धसैनिक बलों की गोली के शिकार कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी गई। दिगंबर अखाड़ा में कारसेवकों की श्रद्धांजलि के लिए आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य एवं दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास ने की। उन्होंने कहा, भगवान राम की जन्मभूमि को आक्रांताओं से तो मुक्त करया जा चुका है पर उनके पैरोकारों से मुक्त कराना अभी शेष है। न्यास सदस्य ने कहा, वर्तमान सरकार ¨हदुओं की भावनाओं का आदर कर मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करें।
महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने विश्वास दिलाया कि भाजपा हुतात्मा कारसेवकों को विस्मृत नहीं कर सकती है। सारी रुकावटों का निराकरण कर कारसेवकों की भावना का सम्मान होगा। अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष एवं सनकादिक आश्रम पीठाधीश्वर महंत कन्हैयादास ने कहा, कारसेवकों की पवित्र आत्मा को मंदिर निर्माण से ही शांति मिलेगी। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ¨हदुओं की आस्था का सम्मान करें। इस मौके पर विहिप नेता सुरेंद्र ¨सह तथा रामायणी रामशंकरदास ने भी विचार रखे और कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग दोहराई। कार्यक्रम का संचालन विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने किया।
इससे पूर्व आचार्य नारद भट्टाराई तथा श्रीराम वेद विद्यालय के दो दर्जन ब्रह्मचारियों ने हुतात्मा स्मृतिका पर पूजन किया। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में दंतधावनकुंड के महंत नारायणाचारी, महंत वैष्णवदास, महंत राममिलनदास, विहिप विभाग मंत्री धीरेश्वर वर्मा, कार्याध्यक्ष कौशिक प्रमाणिक, भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दिनेश जायसवाल, अधिवक्ता राजीव शुक्ल एवं श्रीधर मिश्र, पार्षद अन्नू जायसवाल, ¨हदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष पांडेय, प्रमोद मौर्य, अभिषेक ¨सह, मोहन शास्त्री, शंकर निषाद, वीरेंद्रकुमार, पवन तिवारी, स्वदेश ¨सह, प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र, हुतात्मा कारसेवक रमेश पांडेय की पत्नी गायत्री देवी, रामशंकर यादव आदि रहे। हुतात्मा कारसेवकों का बने स्मारक : परमहंसदास
- मंदिर निर्माण के लिए 12 दिनों तक अनशन करने वाले तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास ने भी कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने सरकार से चार मांग की। कहा, कानून बनाकर मंदिर का निर्माण किया जाय। भगवान राम के आदर्शों की स्थापना के लिए अयोध्या के 84 कोसी परिधि में लार्ड राम यूनिवर्सिटी बनाया जाय। स्मृतिभवन का निर्माण कराकर हुतात्मा कारसेवकों का स्टैच्यू स्थापित कराया जाय एवं हुतात्मा कारसेवकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के साथ आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाय। इस मौके पर रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास, रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समन्वय समिति के अध्यक्ष आचार्य नारायण मिश्र, आचार्य वरुणदास, महंत मोदनारायणदास आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इससे पूर्व बड़ी संख्या में वैदिक परंपरा के ब्रह्मचारियों ने शांति पाठ कर कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी।