फैसले की घड़ी पर कड़े पहरे में रही रामनगरी
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अयोध्या : अधिग्रहीत परिसर पर हुए आतंकी हमले में विशेष अदालत ने अपना निर्णय सुना दिया। फैसले की घड़ी पर रामनगरी भी कड़े पहरे में रही। अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर रही। कुछ दिनों पहले आतंकी वारदात संबंधी इनपुट प्राप्त होने की वजह से सुरक्षा व निगरानी का घेरा काफी सख्त रहा। मंगलवार होने की वजह से अयोध्या में रोज की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रही, जिन्हें चेकिग और रोकटोक के बीच आराध्य की चौखट तक पहुंचना पड़ा। अयोध्या के अधिग्रहीत परिसर पर पांच जुलाई 2005 को आतंकी हमला हुआ था।
मंगलवार को विशेष अदालत ने इस मुकदमे में फैसला सुनाया है। नैनी सेंट्रल जेल में हुई सुनवाई में विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। इन आरोपियों पर हमले की साजिश रचने का आरोप था, पिछले काफी समय से वह नैनी जेल में ही बंद थे। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज दिनेशचंद्र कर रहे थे।
फैसले से पूर्व सोमवार से ही अयोध्या में सुरक्षा व निगरानी बढ़ा दी गई थी। आतंकी बेस डेवलप होने का इनपुट पहले ही मिल चुका था, इसलिए सुरक्षा व निगरानी को लेकर खुफिया एजेंसियों ने पहले से ही अयोध्या में डेरा डाल दिया था। पैरामिलिट्री फोर्स व पीएसी की अतिरिक्त कंपनियों ने सोमवार को ही अयोध्या में आमद करा ली थी। आर्मी के साथ सीआरपीएफ इंटेजिलेंस के अधिकारी भी अयोध्या में पल-पल की टोह लेते रहे। एसएसपी आशीष तिवारी ने सुबह ही अयोध्या पहुंच सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तथा ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को सचेत रहने की हिदायत दी। अयोध्या की सीमा पर चेकिग के बाद ही वाहनों को रामनगरी में प्रवेश दिया गया। हनुमानगढ़ी व कनक भवन सहित प्रमुख मंदिरों को बम स्क्वायड दस्ते की मदद से खंगाला गया।
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