अभिलेखों के मेनपुलेशन में दोषी मिले आरइडी के जेई
खुले कोटेशन के आधार पर एक लाख 91 हजार 250 रुपये में स्ट्रीट
अयोध्या: ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता मो. रिजवान अहमद को अभिलेखों में मेनपुलेशन का दोषी ठहराया गया है। गंभीर प्रकृति का कृत्य मानते हुए जिलाधिकारी अनुजकुमार झा को साक्ष्य समेत जांच रिपोर्ट सौंपी गई है। क्रय प्रक्रिया में गाइड लाइन का अनुपालन न कर मेनपुलेशन करने का उन पर आरोप है। अवर अभियंता ब्लॉक रुदौली में तैनात हैं।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की शिकायत पर ब्लॉक रुदौली की ग्राम पंचायत फगौली कुर्मियान की जांच सामान्य प्रबंधक डेरी व एई डीआरडीए को सौंपी थी। पांच बिदुओं की जांच में सबसे गंभीर आरोप अवर अभियंता पर क्रय प्रक्रिया में मेनपुलेशन का है। ग्राम प्रधान आनंदकुमार को छोड़कर तत्कालीन पंचायत सचिव घीसम प्रसाद के किसी प्रपत्र पर हस्ताक्षर न होने का उल्लेख जांच रिपोर्ट में है। ग्राम प्रधान व तत्कालीन पंचायत सचिव घीसमप्रसाद को भी अनियमित क्रय प्रक्रिया के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है। खुले कोटेशन के आधार पर एक लाख, 91 हजार 250 रुपये में स्ट्रीट लाइट की खरीद की गई। वर्ष 2017-18 में आगणन जेई रिजवान ने ही तैयार किया है। प्राक्कलन की तकनीकी स्वीकृति किसी सक्षम अधिकारी से न लेने का उल्लेख जांच रिपोर्ट में है। ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव पर भी उठी अंगुली। न मिले कोटेशन, न ही सक्षम अधिकारी की पपत्रों पर तकनीकी स्वीकृति।
वैष्णो ट्रेडर्स से टिन नंबर के आधार पर खरीद की गई। कोई भी कोटेशन न मिलने से क्रय प्रक्रिया को फर्जी माना गया है। इसी प्रकार 25 वाट की एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रक्रिया की खरीद में नियमों की अनदेखी का उल्लेख है। 35 लाइटों में से 10 चालू हालत में मिलीं। स्ट्रीट लाइट के दो कार्य छोड़कर अन्य तीन कार्य जांच टीम को संतोषजनक मिले।