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नहीं सोचा था ऐसा अवसर भी मिलेगा.

फैजाबाद : ऐसे तो राम जी की नगरी को देखने की बहुत इच्छा थी। काफी दिनों से सोच रखा था कि

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 11:31 PM (IST)
नहीं सोचा था ऐसा अवसर भी मिलेगा.
नहीं सोचा था ऐसा अवसर भी मिलेगा.

फैजाबाद : ऐसे तो राम जी की नगरी को देखने की बहुत इच्छा थी। काफी दिनों से सोच रखा था कि एक दिन अयोध्या अवश्य जाऊंगी.. पर यह नहीं सोचा था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनकपुर से बस सेवा की शुरुआत करेंगे और उसकी पहली यात्रा में मैं भी शामिल रहूंगी.। यह कहना है जनकपुर-अयोध्या मैत्री बस सेवा के पहले सफर की यात्री व जनकपुर बोर्ड की मेंबर श्यामा झा का। वे कहती हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जनकपुर और अयोध्यावासियों के रिश्तों को और भी प्रगाढ़ बना दिया।

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जनकपुर में पेशे से वेट्रिनरी चिकित्सक डॉ. राम विश्वास प्रसाद यादव 'जागरण' से मुखातिब हुए तो कहने लगे कि 'भावनाओं को शब्दों में बयां कर पाना बेहद मुश्किल है., हम भाग्यशाली हैं जिन्हें रामजी की जन्मस्थली से रूबरू होने का यूं मौका मिला। वास्तव में यह हमारे लिए बेहद गौरवमयी है। इस बस से सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते तो मजबूत होंगे ही, साथ ही दोनों देशों के बीच धार्मिक पर्यटन भी बढ़ेगा।'

जनकपुर निवासी गृहणी सुमन तिवारी भी पहली बार अयोध्या आईं। 'जागरण' से मुलाकात हुई तो कहने लगीं कि अयोध्या के बारे में काफी कुछ सुना और पढ़ा था। यहां इस प्रकार आना होगा और यहां के लोग ऐसे हमारा स्वागत करेंगे, कभी यह ख्याल नहीं आया था। मुझे लगता है कि जैसे मैं अपने ही घर में हूं। यहां के लोग बहुत अच्छे और मिलनसार हैं।

पेशे से व्यापारी लक्ष्मण शाह कहते हैं कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की पहली यात्रा का यात्री बना। यह बस सेवा न केवल सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों को बेहतर बनाएगी, बल्कि व्यापारिक रिश्ते भी बेहतर होंगे। हमें एक-दूसरे को जानने और समझने का अवसर सुगमता से मिलेगा।

यादगार रहा सफर

मैत्री बस के चालक श्यामसुंदर टकाल का कहना था कि उनके लिए यह यात्रा बेहद खास रही। इस यात्रा को लेकर काफी उत्सुकता थी। जनकपुर से अयोध्या तक के सफर में कहीं भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यह यात्रा इतनी सुगम और सहज रही कि हमें यात्रा कब शुरू हुई और कब खत्म हुई इसका जरा भी भान नहीं हुआ। वे कहते हैं कि उनके लिए यह यात्रा अविस्मरणीय है।


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