Move to Jagran APP

कृषि विवि के शोध प्रक्षेत्र पर अवैध कब्जा कर बनाईं 10 दुकानें

कुलपति के निर्देश पर पहुंचे सुरक्षा प्रभारी व पुलिस प्रशासन ने काम रुकवाया

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 11:49 PM (IST)
कृषि विवि के शोध प्रक्षेत्र पर अवैध कब्जा कर बनाईं 10 दुकानें
कृषि विवि के शोध प्रक्षेत्र पर अवैध कब्जा कर बनाईं 10 दुकानें

अयोध्या : आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जा कर दुकान व आवास बना लिए गए हैं। कुलपति डॉ.बिजेंद्र सिंह ने इन्हें चिह्नित कर मुक्त कराने का निर्देश दिया है। शोध क्षेत्रों की जमीनों पर यह अवैध कब्जा हुआ है।

loksabha election banner

बहादुरगंज चौराहे पर विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जा कर दुकान बनाने की सूचना कुलपति को मिली। उन्होंने सुरक्षा प्रभारी डॉ. एसपी सिंह को तुरंत इसमें हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया गया। विवि के सुरक्षा प्रभारी पुलिस प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचे तो पता चला कि नारायण बक्श शुक्ला ने अवैध निर्माण करा कर इसे मुरलीधर को किराए पर दिया है। तत्काल निर्माण कार्य रोक दिया गया। यहां तकरीबन 10 दुकानों का निर्माण किया गया है। विश्वविद्यालय परिसर की बाउंड्री बन रही थी, जिसे ग्रामीणों ने गिरा दिया था। मामले में अभी तक एफआईआर नहीं दर्ज हो सकी। कुलपति के निर्देश पर विवि की कमेटी ग्राम प्रधान से वार्ता करेगी। कुलपति ने बताया कि प्रशासन और पुलिस का सहयोग मिलता रहा तो शीघ्र ही विश्वविद्यालय की जमीन को कब्जा मुक्त कर दिया जाएगा।

इससे पहले एक बड़ा अभियान चलाकर एनडी कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी काफी बड़ी जमीन को अवैध कब्जेदारों से मुक्त करालिया है। लोग विश्वविद्यालय की जमीन पर खेती कर रहे थे। काफी लंबे समय से लोग विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जा जमाए हुए थे। अब विश्वविद्यालय प्रशासन की नजर इन अवैध कब्जों पर है। विश्वविद्यालय प्रशासन इन दिनों जिला प्रशासन से समन्वय कर कब्जा हटाने की मुहिम में जुटा है। इसी क्रम में विवि के अधिकारियों ने कब्जेदारों से बात की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.