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अयोध्या के सैकड़ों साल पुराने मंदिरों पर अस्तित्व का संकट, ढहाने का नोटिस

अयोध्या में सैकड़ों साल पुराने कई मंदिर गिराने की तैयारी है। यह सभी काफी जर्जर हैं। इन मंदिरों को ढहाने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी कर दी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 09:39 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 11:20 AM (IST)
अयोध्या के सैकड़ों साल पुराने मंदिरों पर अस्तित्व का संकट, ढहाने का नोटिस
अयोध्या के सैकड़ों साल पुराने मंदिरों पर अस्तित्व का संकट, ढहाने का नोटिस

फैजाबाद (जेएनएन)। अयोध्या में सैकड़ों साल पुराने कई मंदिर गिराने की तैयारी है। यह सभी काफी जर्जर हैं। इन मंदिरों को ढहाने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी कर दी है। इन मंदिरों को सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक माना गया है। इस मुहिम का सूत्रपात अप्रैल 2015 में आए भूकंप के बाद से हुआ। इस भूकंप में अयोध्या के कुछ प्राचीन मंदिर क्षतिग्रस्त हुए थे और एक युवक की जान चली गई थी। इसके बाद नगर प्रशासन ने रामनगरी के जर्जर 172 भवनों की सूची तैयार की और भवन स्वामियों को सुरक्षा की दृष्टि से जर्जर भवनों को ध्वस्त करने की नोटिस जारी की। हालांकि इस पर अमल वर्षों से लंबित है। मौजूदा बरसात और सावन मेला के मुहाने पर नगरनिगम प्रशासन इस मुहिम को लेकर गंभीर हुआ है।

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ढहाए जाने वाले संभावित प्राचीन मंदिर 

  • रामायण भवन, भागवत भवन, बेगमपुरा 
  • सियासत महोबा स्टेट, हनुमानकुण्ड
  • शीषमहल मंदिर, देवकाली के निकट 
  •  कसौधन पंचायती मंदिर, बेगमपुरा 
  • सियाशरण कुर्मी मंदिर, प्रमोदवन 
  • चतुर्भुजी मंदिर,रामपैडी के बगल
  • राजा बोध सिंह मंदिर, नयाघाट 
  • श्री राम निवास मंदिर,रामकोट 
  • उदासीन मंदिर, गोला बाजार 
  • हनुमान कुटिया, हनुमानकुण्ड 
  • दशरथ यज्ञशाला,रामकोट
  • छोटी कुटिया, प्रमोदवन

तीन सौ वर्ष पुराना रामकचहरी मंदिर ध्वस्त
बीते सप्ताह नगरनिगम के उपायुक्त विनयमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में कुछ जर्जर मंदिरों के प्रखंड को गिराया भी गया। इनमें से एक रामकचहरी मंदिर है जिसका कुछ हिस्सा शनिवार को ध्वस्त किया गया। रामकचहरी मंदिर करीब तीन सौ वर्ष पुराना है और यहां की परंपरा पहुंचे संतों से संरक्षित रही है। उखड़े प्लास्टर से झांकती लखौरी की ईंटों से साफ बयां हो रहा था कि मंदिर के अधिकांश हिस्से का भविष्य संदिग्ध है और यदि उन्हें समय से गिराया नहीं गया तो वह जानमाल के लिए चुनौती बन सकता है।

ढाई सौ साल पुराने मंदिर पर चला बुलडोजर 
गोलाघाट स्थित करीब ढाई सौ वर्ष पुराना मंदिर उदासीन मठ एवं पुरुषोत्तम भवन के जर्जर हिस्से पर भी नगरनिगम का बुलडोजर चला। मुहिम का नेतृत्व कर रहे विनयमणि त्रिपाठी ने बताया कि मेला की भीड़-भाड़ को ध्यान में रखकर यह मुहिम एक सप्ताह के लिए स्थगित रखी गई है पर इसके बाद पूरी प्रतिबद्धता के साथ सूचीबद्ध जर्जर भवन गिराए जाएंगे। सूचीबद्ध ऐसे भवनों को ही बख्शा जाएगा, जिस पर अदालत में मामला विचाराधीन होगा या भवन स्वामी जर्जर भवनों को स्वयं गिरवाएंगे।  

हर मंदिर का गौरवशाली इतिहास
रामनगरी के अधिकांश मंदिरों की पहचान उनकी ऐतिहासिकता के कारण है। हर मंदिर का अपना गौरवशाली इतिहास है। अब वही मंदिर खतरनाक श्रेणी में हैं। प्रशासन के सख़्त रुख के बाद मंदिर प्रशासन स्वयं ही मंदिरों के जर्जर हिस्सों को गिरा रहे हैं। नगर निगम भवनों और मंदिरों को नोटिस जारी कर कह रहा है कि मालिक स्वयं छतिग्रस्त हिस्से का पुनर्निर्माण करा लें अन्यथा गिरा दिया जाएगा, जिसका शुल्क भी वसूला जाएगा। 


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