मकान बड़े पर दिल छोटे होते जा रहे : शिवेंद्र
आज हमारे मकान बड़े होते जा रहे हैं पर दिल छोटे होते जा रहे हैं। यह विडंबना इतनी व्यापक है कि हमारे घरों में छोटी सी गौरैया के लिए भी जगह नहीं बची है। यह ¨चता है, पर्यावरण के प्रति समर्पित संस्था सबेरा परिवार के प्रमुख आचार्य शिवेंद्र की। वे सबेरा परिवार की ही ओर से तुलसी स्मारक भवन
अयोध्या : आज हमारे मकान बड़े होते जा रहे हैं पर दिल छोटे। यह विडंबना इतनी व्यापक है कि हमारे घरों में छोटी सी गौरैया के लिए भी जगह नहीं बची है। यह ¨चता है, पर्यावरण के प्रति समर्पित संस्था सबेरा परिवार के प्रमुख आचार्य शिवेंद्र की। वे तुलसी स्मारक भवन में 'पर्यावरण संरक्षण : बेहतर कल के लिए' विषयक संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन कर रहे थे। उन्होंने कहा, पहले लोग व्यक्तिगत विकास के साथ प्रकृति को ध्यान में रखते थे लेकिन अब मूल संस्कृति से दूर हो रहे हैं।
सांसद लल्लू ¨सह ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत की और घोसला बांटकर गौरैया संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने संस्था के प्रयासों को प्रशंसनीय बताया। विशिष्ट अतिथि डीजल-पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ¨सह मौजूद रहे। संस्थाध्यक्ष राजीव त्रिपाठी ने अतिथियों के प्रति आभार जताया। डॉ. साधना अग्रवाल ने पक्षियों से स्वावलंबन की सीख लेने की सलाह दी। इस दौरान डॉ. चक्रवर्ती ¨सह, बद्री तिवारी, डॉ. रजनीरंजन जायसवाल, राजेश ¨सह, मनीषदेव गुप्त, संजीव तिवारी, डॉ. सत्येंद्र गुप्त, नरेंद्र ¨सह, आदित्यविक्रम ¨सह, अशोक तिवारी, अनिल मिश्र, गिरिजेश मिश्र, तेज मित्रा, सुधाकर पांडेय, ओपी त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
दो वर्ष में दो हजार घोंसले वितरित
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित सबेरा परिवार की ओर से गत दो वर्ष के दौरान दो हजार घोसला वितरित किया जा चुका है। रविवार को ही संस्था की ओर से 201 घोसला वितरित किया गया। संस्था गौरैया संरक्षण को पर्यावरण की रीढ़ मानती है।