Ram mandir: लंबे समय बाद अयोध्या से फिर उठा हिंदुत्व की कड़ाही में उबाल
हिंदुत्व की कड़ाही में लंबे समय बाद उबाल है। 1989 के जन्मभूमि मुक्तियज्ञ, 90 की कारसेवा और 92 के ढांचाध्वंस में अयोध्या का परिचय विशेष ब्रांड के हिंदुत्व से हुआ था।
अयोध्या (रघुवरशरण)। हिंदुत्व की कड़ाही में लंबे समय बाद उबाल आया। रामनगरी का विशेष ब्रांड के हिंदुत्व से परिचय 1989 के रामजन्मभूमि मुक्तियज्ञ, 90 की कारसेवा और 92 के ढांचाध्वंस कांड से हुआ। जब मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध दूर-दराज के रामभक्तों ने अयोध्या की ओर रुख किया और उन्होंने मंदिर के लिए हुंकार भरी। 1990 की कहानी तो रक्तरंजित हो उठी। शासकीय प्रतिबंध और चप्पे-चप्पे पर तैनात सुरक्षा बलों की परवाह न कर विवादित परिसर की ओर बढ़े डेढ़ दर्जन कारसेवकों ने प्राणों की आहुति दी। इससे पूर्व अयोध्या कफ्र्यू, सुरक्षाबलों की निगरानी, कारसेवकों की धमक और नेताओं की आमद-रफ्त की अभ्यस्त हो चली थी।
रामनगरी में तोगडिय़ा का डेरा
1992 का प्रसंग तो जगजाहिर है। इसके बाद से रामनगरी हिंदुत्व के केंद्र के तौर पर प्रवाहमान है पर उस दौर का उभार फिर लौटकर नहीं आ सका। मंदिर निर्माण की मांग के साथ रामनगरी में डेरा डाले तोगडिय़ा के तीसरे दिन का शो इस उभार की याद दिलाने वाला साबित हुआ। सुबह 10 बजते-बजते लोग दैनिक कार्य-व्यापार की ओर भागने लगे थे। मंगलवार की वजह से भक्तों का हुजूम हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ा जा रहा था। प्रसाद एवं जलपान की दुकानें चहक रही थी। हनुमानगढ़ी चौराहा से जुड़ते मुख्य मार्ग पर तोगडिय़ा के समर्थक रामकोट की प्रस्तावित परिक्रमा के लिए जुटते जा रहे थे। तोगडिय़ा के आगमन की प्रतीक्षा हो रही थी। इसी बीच तोगडिय़ा के उत्साही समर्थक हनुमानगढ़ी एवं रामजन्मभूमि से जुड़ते मार्ग की ओर बढ़े।
तोगडिय़ा समर्थकों का आक्रामक उत्साह
अयोध्या में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात थे और जवानों की एक टोली बैरियर लगाकर उन्हें आगे बढऩे से रोकने में लगी थी। कुछ देर की हुज्जत के बाद तोगडिय़ा के समर्थक पुलिस को पछाड़कर आगे बढ़े। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। एक पल के लिए टकराव आगे बढ़ा। ऐसा लगा कि समर्थक अड़ सकते हैं और जवानों के कंधों पर टंगीं संगीने सीने पर आकर निशाना साध रही होंगी। करीब आधा घंटा तक तोगडिय़ा समर्थकों ने आक्रामक उत्साह का प्रदर्शन कर रामनगरी को सकते में डाले रखा। आसपास की दुकानें धड़ा-धड़ बंद होने लगीं। श्रद्धालु जहां-तहां दुबक गए। घर से अयोध्या की ओर निकले परिवारीजनों की चिंता में फोन घनघनाने लगे। मंदिर निर्माण के लिए जागरण अभियान चलाने वाले मुस्लिम नेता बब्लू खान कहते हैं कि मंदिर के लिए पूरी ताकत लगानी होगी पर वह मर्यादित और अयोध्या के लोगों की सुविधा सुनिश्चित करने वाली भी हो।
अयोध्या अब नए युग की ओर बढ़ चली : महापौर
महापौर ऋषिकेश उपाध्याय कहते हैं कि अयोध्या अब नए युग की ओर बढ़ चली है। उसकी रुचि विवाद में नहीं विकास में है। नगरी विश्व पर्यटन पर चमकने को तैयार है। वे राममंदिर के लिए लोगों से सकारात्मक विश्वास बनाए रखने का आह्वान करते हैं।