अयोध्या विवाद के पक्षकार अब हाशिम नहीं मोहम्मद इकबाल
रामजन्मभूमि-बाबरी विवाद के पैरोकार हाशिम अंसारी का आज निधन हो गया। वह1961 में फैजाबाद कोर्ट में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल वाद के पक्षकार थे।
लखनऊ (जेएनएन)। रामजन्मभूमि-बाबरी विवाद के पैरोकार मोहम्मद हाशिम अंसारी के निधन के बाद अबबरी के पक्षकार उनके पुत्र मोहम्मद इकबाल होंगे। गत वर्ष बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य को देखते हाशिम ने अपने पुत्र मोहम्मद इकबाल को रजिस्टर्ड उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था और उत्तराधिकार के रूप में उन्होंने बाबरी पैरोकारी भी दी। उल्लेखनीय है कि हाशिम 1961 में फैजाबाद की सिविल कोर्ट में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल वाद के पक्षकारों थे।
रामजन्मभूमि केस के पैरोकार हाशिम अंसारी का इंतकाल
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अब देखना है कि इकबाल बाबरी के मुद्दई के रूप अपने पिता की भरपाई किस हद तक कर पाएंगे। साधारण से रोजी-रोजगार में रमे रहने वाले इकबाल के लिए मामले की अदालती पैरवी करना तो संभव है पर वे अपने पिता की तरह विपक्ष के दावों और मीडिया की जिरह का सामना किस तरह करेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। उनसे अपने पिता की तरह वाकपटुता और दिग्गजों से मिलकर बातचीत से मामले के हल की मुहिम आगे बढ़ाने की उम्मीद करना न्यायसंगत नहीं है।
विधिक तौर पर बेअसर हाशिम का न रहना
अयोध्या विवाद में निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा के अनुसार हाशिम के
न रहने का विधिक रूप से कोई असर नहीं पड़ेगा। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के संयोजन में मामले
के दो दर्जन पैरोकार हैं ही, दूसरे हाशिम ने जीते-जी पक्षकार के तौर पर अपने पुत्र को
नामांकित भी कर रखा है।