Ayodhya Ram Mandir News: मोदी के स्वागत में राम-रंग से नहाई रामनगरी, गली-गली में उकेरे जा रहे रामायण के प्रसंग
Ayodhya Ram Temple News प्रधानमंत्री के आवागमन मार्ग पर बनाये जा रहे रामायण से जुड़े प्रसंगों के भित्तिचित्र।
अयोध्या, (रविप्रकाश श्रीवास्तव)। राम मंदिर का भूमिपूजन करने आ रहे प्रधानमंत्री के स्वागत को अयोध्या तेजी से सज-संवर रही है। इस साज-शृंगार में अवधपुरी का गौरवमयी अतीत दिख रहा है, तो गौरवशाली आज भी चमक रहा है। भूत और वर्तमान का यह सुंदर समागम राममय है, जो गली-गली में रामायण के प्रसंगों में मगन चित्रकारों की तूलिका से झरते राम-रंग से आकार पा रहा है।
सांस्कृतिक गौरव और सनातन आस्था के रंग में नहाई रामनगरी का निखरा सौंदर्य निहारकर अयोध्यावासी निहाल हो रहे हैं। बुजुर्ग हों या बच्चे, हर कोई कह रहा है कि अयोध्या का यह रूप मुग्ध करने वाला है। प्रधानमंत्री का आगमन जिस साकेत महाविद्यालय में होगा, उसके गेट के सामने सुभाष चंद्र श्रीवास्तव मिलते हैं। वह सामने बने सीता स्वयंवर के भित्तिचित्र को दिखाते हुए बोल पड़ते हैं, तीन दशक बाद यहां आ रहे मोदी को भी शहर का यह मनोहारी रूप बहुत भाएगा। प्रधानमंत्री के लिए तय मार्ग पर करीब डेढ़ सौ मीटर दूर टेढ़ी बाजार में प्रवीण कुमार दीवार पर बने श्रीराम के बाल्यकाल की तस्वीरों को एकटक निहारते मिलते हैं।
कुछ दूर चलते ही अचल गुप्ता मिलते हैं। वह अयोध्या के इस रूप को अलौकिक बताते हुए श्रीराम-केवट प्रसंग पर बना भित्तिचित्र दिखाते हैं। कह पड़ते हैं कि अब अयोध्या के भ्रमण मात्र से रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जाना जा सकेगा। यहीं महापौर रिषिकेश उपाध्याय और नगर आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ल से मुलाकात हो जाती है। रिषिकेश उपाध्याय बताने लगते हैं कि पीएम के आगमन से पहले साकेत से नयाघाट तक श्रीराम से जुड़े विभिन्न प्रसंगों के 250 चित्र दीवारों पर उकेर दिए जाएंगे। हमारा प्रयास है कि जो भी यहां आए वह शहर का सौंदर्य देखकर राममय हो जाए।
भागीदारी से गदगद मुस्लिम युवा
भित्तिचित्र उकेरने का काम मोहम्मद सिराज और उनकी टीम को मिला है। इस टीम में 30 युवा कलाकार हैं, जिसमें 10 से 12 मुस्लिम हैं। इनमें नईम, शमी, शेखू, यामीन, जावेद, हशमत आदि हैं। सिराज कहते हैं कि उन्होंने रामजन्मभूमि परिसर के अंदर अस्थायी मंदिर के पास भी भगवान राम से जुड़े भित्तिचित्र बनाए हैं। अयोध्या भगवान राम की नगरी है और हमारी टीम को इस बात का फक्र है कि राम मंदिर के भूमि पूजन के ऐतिहासिक पल में हमें खिदमत करने का मौका दिया गया है।