निष्प्रयोज्य साबित हो रही अल्ट्रासाउंड मशीन
लाख की लागत से लगी अल्ट्रासाउंड मशीन निष्प्रयोज्य साबित हो रही है। अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन से प्रतिदिन तीन से चार दर्जन लोग मुफ्त लाभांवित होते थे गत वर्ष एक अप्रैल को रेडियालॉजिस्ट डॉ. एस कुमार का तबादला क्या हुआ अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लटक गया। ऐसा नहीं है कि यहां मरीजों का आना बंद हुआ है। वे अब भी अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल परिसर के इस कक्ष पर दस्तक देते हैं पर सामने मोटा ताला लटका देख मायूस हो वापस लौट जाते हैं। अ
अयोध्या : श्रीराम अस्पताल में 15 लाख रुपये की लागत से लगी अल्ट्रासाउंड मशीन निष्प्रयोज्य साबित हो रही है। अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन से प्रतिदिन तीन से चार दर्जन लोग लाभांवित होते थे। गत वर्ष एक अप्रैल को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. एस कुमार का तबादला क्या हुआ? अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लटक गया।
ऐसा नहीं है कि यहां मरीजों का आना बंद हुआ है। वे अब भी अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल परिसर के इस कक्ष पर दस्तक देते हैं, पर सामने मोटा ताला लटका देख मायूस हो वापस लौट जाते हैं। अधिकांश मरीजों की जेब निजी केंद्र से पांच-सात सौ रुपये व्यय कर अल्ट्रासाउंड कराने की इजाजत नहीं देती और अल्ट्रासाउंड के बिना उनका इलाज अधर में लटक जाता है। निराश्रित मरीजों को लेकर प्राय: श्रीराम चिकित्सालय पहुंचने वाले हनुमानगढ़ी से जुड़े संत एवं पार्षद रमेशदास कहते हैं, चिकित्सालय की अन्य व्यवस्था तो स्वागतयोग्य है पर अल्ट्रासाउंड कक्ष के सामने ताला लटकता देख अत्यंत क्षोभ होता है। उनकी अपेक्षा है कि रामनगरी में बड़ी संख्या में निराश्रित मरीजों को ध्यान में रखकर अल्ट्रासाउंड मशीन संचालन की व्यवस्था अविलंब सुनिश्चित की जाय। बेअसर रहा है प्रयास
-श्रीराम अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिलकुमार के अनुसार अल्ट्रासाउंड मशीन संचालित कराने के लिए रेडियोलॉजिस्ट की आवश्यकता है और यह आवश्कता पूरी करने के लिए कई बार पत्राचार किया जा चुका है, पर सब बेअसर रहा। सच्चाई यह है कि न केवल अयोध्या जिला बल्कि पूरे प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट का भीषण संकट है।
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