गणपति के जयकारों से गूंजे घर और मंदिर
भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर शनिवार को विधि विधान से विघ्नविनाशक भगवान गणेश की प्रतिमा की घरों में प्राण प्रतिष्ठा की गई। कलश स्थापना के साथ ही मोदक व मेवे का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण किया गया। घरों से लेकर मंदिरों तक गणपति के जयकारे गूंज उठे.
अयोध्या: भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर शनिवार को विधि विधान से विघ्नविनाशक भगवान गणेश की प्रतिमा की घरों में प्राण प्रतिष्ठा की गई। कलश स्थापना के साथ ही मोदक व मेवे का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण किया गया। घरों से लेकर मंदिरों तक गणपति के जयकारे गूंज उठे। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किया गया।
कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिमा की स्थापना व कार्यक्रम के आयोजन पर रोक होने के कारण गणेशोत्सव का पर्व धूम-धाम से नहीं मनाया जा रहा है, लेकिन घरों और मंदिरों में उल्लास देखने को मिल रहा है। घरों में जिस स्थल पर भगवान गणेश की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है, उसे खूब सजाया संवारा गया है। जिन मंदिरों में भगवान गणेश के विग्रह स्थापित है, वहां शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए उत्सव मनाया जा रहा है। मुबारकगंज स्थित अध्यात्म शक्तिपीठ पर गणेश उत्सव का शुभारंभ विधि विधान के साथ हुआ। मंदिर के मुख्य अर्चक पं. सुधीर पांडेय ने बताया कि षोडशोपचार पूजन, अभिषेक, संकट नाशनम स्त्रोत का पाठ एवं गणेश मंत्रों का जप साधकों एवं वैदिक ब्रह्मण द्वारा किया गया। भगवान की आरती व भोग लगाया गया और पूजन अर्चन किया गया। मंदिर परिसर में विराजित समस्त देवी देवताओं के साथ गुरु पं. रामकृष्ण पांडेय अमिल की प्रतिमा का पूजन किया गया। वहीं केंद्रीय दुर्गापूजा एवं रामलीला समन्वय समिति के अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने सभी को गणेश चतुर्थी की बधाई देते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन करने की अपील की है। प्रमुख संरक्षक विजय कुमार गुप्त ने मास्क पहनने एवं दो गज की दूरी को परम आवश्यक बताया।