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प्राधिकरण ने ढहाए फ्लड जोन के अनाधिकृत निर्माण

सरयू नदी के किनारे फ्लड जोन में प्ला¨टग कर नई कॉलोनी बसाने का दिखाया जा रहा सपने को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को जेसीबी के साथ अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण टीम ने ढहा दिया। पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू प्राधिकरण का

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:42 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:42 PM (IST)
प्राधिकरण ने ढहाए फ्लड जोन के अनाधिकृत निर्माण
प्राधिकरण ने ढहाए फ्लड जोन के अनाधिकृत निर्माण

अयोध्या : सरयू नदी के किनारे फ्लड जोन में प्ला¨टग कर नई कॉलोनी बसाने का दिखाए जा रहे सपने को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को जेसीबी के साथ अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण टीम ने ढहा दिया। पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू प्राधिकरण का ध्वस्तीकरण अपराह्न तीन बजे तक चला। उपाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने कहा कि पहले संबंधित पक्ष को नोटिस दी गई थी। सुनवाई के बाद ध्वस्तीकरण आदेश बाद में पारित किया गया। दरअसल, फल्ड जोन में प्ला¨टग कर भवन निर्माण के लिए बिक्री की जा रही है। कॉलेज से लेकर भवन तक निर्माण प्राधिकरण से बिना नक्शा मंजूरी के करा लिया गया। इनके निर्माण पर शुरू से सवाल उठते रहे, लेकिन प्राधिकरण के जेई नोटिस भेजने तक सीमित रहे।

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बुधवार को शुरू प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण अभियान से उन लोगों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने एक अदद आशियाने के लिए प्लाट खरीदा है। उनका पैसा डूबने का खतरा मंडराने लगा है। बुधवार के ध्वस्तीकरण में ज्यादातर बाउंड्रीवाल है। प्राधिकरण की कार्रवाई से साफ हो गया कि फ्लड जोन में वह भवन निर्माण के लिए नक्शा मंजूर नहीं करेगा।

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बोले जिम्मेदार

-अधिशासी अभियंता मुन्नालाल के अनुसार टाइम सिटी, रामजीत ¨सह, पर्ण सिटी एवं पंखुड़ी ग्रीन सिटी समेत कई प्ला¨टग करने वालों को प्राधिकरण ने नोटिस दी थी। डूब क्षेत्र होने से नक्शा पारित नहीं हो सकता। सुनवाई के बाद निर्माण कार्य के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित हुआ। उसी का अनुपालन कराया गया। जमथरा से लेकर प्रहृलादघाट तक नई कॉलोनी बसाने के लिए प्ला¨टग कर बिक्री का कार्य तेजी से बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर किया जा रहा है। एनजीटी फ्लड जोन को लेकर बहुत सख्त है। -----------------

नदी के किनारे निर्माण पर सख्ती -ईस्टर्न यूपी रिवर एंड वाटर रीजनरेशन मानिट¨रग कमेटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति डीपी ¨सह नदी के किनारे निर्माण को लेकर बहुत सख्त हैं। अधिकारियों संग बैठक कर पिछले महीने निर्देशित कर चुके हैं। ऐसे में प्राधिकरण के इंजीनियर एनजीटी के गाइडलाइन के विपरीत अनाधिकृत निर्माण का ध्वस्तीकरण न कराने को जोखिम भरा मानने लगे।


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