पढ़ाई से लड़ रहे बाढ़ की लड़ाई
रुदौली (फैजाबाद) बाढ़ के पानी से चारों तरफ घिरे कैथी मांझा के पांच छात्रों ने अपने बु
रुदौली (फैजाबाद)
बाढ़ के पानी से चारों तरफ घिरे कैथी मांझा के पांच छात्रों ने अपने बुलंद हौसलों से घाघरा को मात दे रखी है। घाघरा पढ़ाई में बाधक बनी तो इन्होंने घर-परिवार छोड़कर रौनाही तटबंध पर जर्जर बाढ़ चौकी को अपना अस्थाई आशियाना बना लिया। गत दो माह से बाढ़ चौकी से स्कूल का सफर तय करते हैं। इनके हौसलों को देखकर हर कोई बरबस कहता हैं कि आखिर इन्हें ¨जदगी की जंग कौन हरा पाएगा।
पढ़ने की ललक हो तो कोई भी बाधा आपके कदम रोक नहीं पाएगी। यह बात कैथी मांझा के छात्रों अजीत, रोहित, संजीत, प्रवेश कुमार, श्रीचंद पर सटीक बैठती है। घाघरा ने संपर्क मार्ग दो माह पहले ही काट डाला। इन छात्रों ने कुछ दिन नाव से स्कूल का सफर तय किया, मगर समय पर नाव न मिलने से छात्र देर से स्कूल पहुंचते। पढाई बाधित होती। पस्तामाफी स्थित एक निजी स्कूल में अध्ययनरत छात्रों ने परिवार व घर छोड़ने का फैसला ले लिया। घर से कुछ सामान लेकर रौनाही तटबंध पर आ गए और बरई बाढ़ चौकी में रहकर पढ़ाई करने लगे।
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पढ़ेंगे लिखेंगे तभी आगे जा पाएंगे
-कक्षा आठ के छात्र अजीत व सुजीत बताते हैं कि रोज कक्षाएं छूट जाती थीं। आवागमन में काफी दिक्कतें हो रही थीं। खुद खाना बनाते हैं। लालटेन की रोशनी में पढ़ते हैं। सप्ताह में परिजन भी आकर हालचाल लेते हैं।
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''छात्रों के बरई बाढ़ चौकी में रहने की जानकारी हैं। छात्रों की मदद भी की गई है। केरोसिन आयल व खाद्य सामग्री दी गई है। हल्का लेखपाल व चौकी पर कार्यरत कर्मचारियों को हर संभव मदद के लिए निर्देशित किया गया है। इनका जज्बा काबिल-ए-तारीफ है।
- टीपी वर्मा, एसडीएम रुदौली