किसानों के लिए मत्स्य बीज तैयारी करेगी एनडीयू
स्नड्डह्मद्वद्गह्मह्य हृष्ठ स्नड्डह्मद्वद्गह्मह्य हृष्ठ स्नड्डह्मद्वद्गह्मह्य हृष्ठ स्नड्डह्मद्वद्गह्मह्य हृष्ठ स्नड्डह्मद्वद्गह्मह्य हृष्ठ स्नड्डह्मद्वद्गह्मह्य हृष्ठ
अयोध्या : नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय पहली बार पूर्णकालिक तौर पर किसानों के लिए मछली के बीज का उत्पादन शुरू करेगा। जुलाई से कई प्रजातियों के मत्स्य बीज किसानों के लिए उपलब्ध होंगे। मत्स्य महाविद्यालय इसकी तैयारी में जुटा है। वर्षों में बदहाल पड़ी हैचरी अब क्रियाशील हो गई है। पहले चक्र के अंतर्गत एक सीजन में 25-30 लाख बीज तैयार किए जाएंगे। बीच उत्पादन में रोहू, कतला, नयन भाखुर पांच प्रजातियां प्रमुख होंगी।
तकरीबन सात से आठ वर्ष पहले कुछ समय के लिए यहां मछली के बीज का उत्पादन हुआ था पर विश्वविद्यालय की बदलती सत्ता व बदहाली की वजह से हैचरी बंद हो गई। गत दिनों कुलपति प्रो. जेएस संधू ने इसे शुरू कराने का जिम्मा कॉलेज के डीन डॉ.हरनाम सिंह को सौंपा। डॉ.हरनाम वीसी के दिशा निर्देश पर हैचरी को क्रियाशील करने में जुट गए हैं। उन्होंने बताया कि मत्स्य महाविद्यालय ने पहली बार बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन की योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त यहां आने वाले किसानों को विशेषज्ञ मछली पालन की जानकारी दी जा रही है। इसके लिए विशेष काउंटर खोला गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआत मछली की पांच प्रजातियों के बीजों के उत्पादन से होगी। बाद में अन्य प्रजातियों की मछली के बीज का उत्पादन भी होगा। डॉ. सिंह ने बताया कि किसानों को कम मूल्य पर अच्छी प्रजाति की मछली का बीज दिया जाएगा, जिससे किसान मत्स्य पालन के जरिए आय बढ़ा सकें। बढ़ेगी बीज उत्पादन क्षमता -डॉ.हरिनाम सिंह ने बताया कि अक्टूबर माह से इसकी क्षमता बढ़ाने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए और तालाब बनाएं जाएंगे। एक सीजन में उत्पादन का आंकड़ा एक करोड़ किया जाएगा। -किसानों को खेती-बारी के साथ मत्स्य पालन से जोड़ने की योजना के अंतर्गत हैचरी शुरू की गई है। इसे जल्द ही विस्तार दिया जाएगा ताकि किसान मछली पालन की योजना को साकार कर सकें। किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
प्रो.जेएस संधू, कुलपति, नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या