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तालाब के किनारे मिले फिशिग कैट की मौजूदगी के सबूत

उप प्रभागीय वनाधिकारी ने ग्रामीणों को किया गया जागरूक

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 05:11 AM (IST)
तालाब के किनारे मिले फिशिग कैट की मौजूदगी के सबूत
तालाब के किनारे मिले फिशिग कैट की मौजूदगी के सबूत

अयोध्या: कुमारगंज वन क्षेत्र में छठवें दिन एक बार फिर वन विभाग के अधिकारियों ने फिशिग कैट की मौजूदगी के सबूतों को खंगाला। प्रभागीय वनाधिकारी मनोज कुमार खरे ने बताया कि तालाब के किनारे गीली मिट्टी में फिशिग कैट के पद चिह्न मिले हैं। मौके पर उप प्रभागीय वनाधिकारी एके सिंह को भेजा गया था। उन्होंने जांच पड़ताल के बाद इस बात की पुष्टि की है। ग्रामीणों को फिशिग कैट के हावभाव और व्यवहार से भी अवगत करा दिया गया है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि चार गांव में फिशिग कैट का मूवमेंट देखा गया है। यह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है, इसलिए इसके पकड़ने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

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कुमारगंज संवादसूत्र के मुताबिक गुरुवार को उप प्रभागीय वनाधिकारी ने अमावा छीटन गांव में दो घंटे तक वन कर्मियों के साथ कांबिग की। ग्रामीणों ने तालाब में तेंदुआ सरीखा जानवर देखने की बात बताई। टीम ने पद चिह्नों को देखा और जानकारी ली। ग्रामीणों को बताया कि वह फिशिग कैट है न कि तेंदुआ। सिंह ने बताया कि फिशिग कैट विलुप्त होने की कगार पर है लेकिन इस इलाके में इसका दिखना विभाग के लिए शुभ संकेत है। ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है कि यह जानवर तालाब व झीलों की मछलियों को अपना आहार बनाती है। उन्होंने बताया कि इसको मारने व शिकार करने पर कम से कम सात साल की सजा हो सकती है।


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