होटलों से लेकर गली-मोहल्लों तक बहस
श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019श्वद्यद्गष्ह्लद्बश्रठ्ठ 2019
अयोध्या : गली-मोहल्लों से लेकर चाय-नाश्ते के होटल अब चुनावी बहस अब जीत-हार के कयासों का केंद्र बन गए हैं। मंगलवार की दोपहर रामपुरभगन स्थित यादव मिष्ठान भंडार पर यही नजारा दिखा। बहस में भाजपा-कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र और केंद्र सरकार के कार्य रहे। चाय की चुस्की लेते हुए पंचायत के पूर्व कर्मी सुभाषचंद्र शुक्ल कहते हैं कि वोट देते समय देश के सर्वांगीण विकास और अखंडता को अक्षुण रखने का मुद्दा जेहन में होना चाहिए। व्यवसायी वीरेंद्र मिश्र और अधिवक्ता मंशाराम वर्मा भी उनकी बातों से सहमति जताते हैं। कहते हैं समस्याएं भले हैं, लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ. विजय बहादुर तिवारी कहते हैं कि देश की सुरक्षा के मुद्दे की अनदेखी नहीं की जा सकती है। व्यापारी नेता दीप गुप्ता कहते हैं कि जीएसटी का दूरगामी लाभ मिलेगा। व्यापारी नेता मंशाराम यादव व अधिवक्ता रमेश यादव भी कहते हैं कि राष्ट्रवाद नहीं, सांसद चुनने के लिए स्थानीय मुद्दा भी अहम होना चाहिए। आखिर विकास, रोजगार, शिक्षा की भी नई पीढ़ी को जरूरत है। पुस्तक विक्रेता राजेंद्र वर्मा कहते हैं कि मुकाबला सहज नहीं है। जनता अभी मन नहीं बना सकी है। सबको देख रही है। दवा व्यापारी पंकज तिवारी कहते हैं कि हमें ऐसी सरकार चाहिए जो भाषण नहीं काम की बात करती हो। किसान अमरबहादुर सिंह कहते हैं कि विचारों की लड़ाई लड़ना लोकतंत्र की परिपाटी है। जमुना प्रसाद, राजेश यादव, दर्शनदीन यादव, मो. सुल्तान व कृष्णकुमार गुप्ता उनसे असहमति जताते हैं। कहते हैं इस बार चुनाव में लहर नहीं है। काम का हिसाब सबको देना होगा।