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रामजन्मभूमि विवाद के साथ अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने का ख्वाब

उत्तर प्रदेश में 1991 में रामजन्मभूमि मुद्दे पर जिस भाजपा की सरकार बनी उसने अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उभारने का स्वप्न भी संजोया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 05 Dec 2017 09:31 PM (IST)Updated: Wed, 06 Dec 2017 06:47 PM (IST)
रामजन्मभूमि विवाद के साथ अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने का ख्वाब
रामजन्मभूमि विवाद के साथ अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने का ख्वाब

अयोध्या-फैजाबाद (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में 1991 में रामजन्मभूमि मुद्दे पर जिस भाजपा की सरकार बनी उसने अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उभारने का स्वप्न भी संजोया। हालांकि स्वप्न साकार होने से पूर्व ही ढांचा ध्वंस मामले में प्रदेश के तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार बर्खास्त कर दी गई। बसपा से गठबंधन के साथ भाजपा को पुन: सत्ता में वापसी का मौका 1996 में मिला और तत्कालीन प्रदेश सरकार में भाजपा कोटे के नुमाइंदों ने इस मौके का प्रयोग रामनगरी को सजाने-संवारने में भी किया। 

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तत्कालीन पर्यटन मंत्री एवं भाजपा नेता कलराज मिश्र ने पौराणिक महत्व के कई सरोवरों और स्थलों का सुंदरीकरण कराया। 1997 में बसपा से गठबंधन टूटा और यूपी में भाजपा की स्वतंत्र सरकार बनी। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही भाजपा ने सरयू तट पर करोड़ों की लागत से रामकथा पार्क, यात्रीनिवास, तीर्थयात्री केंद्र, रैनबसेरा एवं अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा सहित अनेक मार्गों का निर्माण कराया। भाजपा सरकार ने अयोध्या के लिए 20 करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की। राजग सरकार में 2001 में तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री जगमोहन चार सौ करोड़ की लागत से प्रस्तावित हेरिटेज महायोजना लेकर पहुंचे। हालांकि यह योजना अधर में ही गई। 2004 के बाद का दशक भाजपा के सत्ता से बाहर रहने के नाम रहा पर 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के साथ अयोध्या के विकास का स्वप्न नए सिरे से सजने लगा। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित करने के साथ अयोध्या से रायबरेली तथा चित्रकूट तक फोरलेन मार्ग के निर्माण का एलान किया। 

गत वर्ष केंद्र सरकार के तत्कालीन पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने रामनगरी की यात्रा की और 151 करोड़ की लागत से रामायण म्यूजियम तथा रामायण सर्किट के निर्माण सहित 133 करोड़ की लागत से बस स्टेशन, मल्टी स्टोरी पार्किंग एवं यात्री सुविधा केंद्र का के निर्माण का एलान किया। इसी वर्ष मार्च में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद 30 मई को पहली बार अयोध्या पहुंचे और अयोध्या के लिए 350 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का एलान किया। इसी वर्ष 18 नवंबर को मुख्यमंत्री तीसरी बार रामनगरी पहुंचे और एक साथ एक लाख 87 हजार दीप प्रज्ज्वलित करा रामनगरी को गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकाड्र्स में शरीक कराने के साथ 133 करोड़ की विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। नगरी के विकास की आवाज उठाते रहे पर्यावरण प्रेमी आचार्य शिवेंद्र के अनुसार इसमें कोई शक नहीं कि निकट भविष्य में अयोध्या विश्व पर्यटन के सर्किट में प्रमुखता से शामिल होगी। 


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