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डीपीआरओ ने 14 वें वित्त से धन निकासी पर लगाई रोक

मनमानी धनराशि खर्च करने का आरोप.डीपीआरओ ने ब्लॉकों से मांगा खर्च का ब्योरा.

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 12:27 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 06:01 AM (IST)
डीपीआरओ ने 14 वें वित्त से धन निकासी पर लगाई रोक
डीपीआरओ ने 14 वें वित्त से धन निकासी पर लगाई रोक

अयोध्या: 14वें वित्त से धन निकासी पर जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ)सत्यप्रकाश सिंह ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। ब्लॉक स्तर पर खुले प्रशासकीय व तकनीकी मद के बैंक एकाउंट से धन निकासी अब बीडीओ व एडीओ पंचायत नहीं कर सकेंगे। कहा, जिन जिलों में एडीओ पंचायत के खिलाफ कार्रवाई हुई, उन पर एकल बैंक एकाउंट का संचालन का आरोप है।14वें वित्त की गाइड लाइन में वर्ष 2016 से बीडीओ व एडीओ पंचायत के संयुक्त संचालन का प्रविधान है। जिले के सभी ब्लॉकों में संयुक्त बैंक एकाउंट का संचालन है। ब्लॉकों से खर्च की गई धनराशि का ब्योरा वह मंगा रहे हैं। फिलहाल अन्य जिलों में कार्रवाई से यहां भी हड़कंप है। अभी शासन से जांच के बारे में कोई आदेश नहीं आया है।

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हड़कंप की वजह भी इसी से समझ सकते है कि 14वें वित्त की सलाना धनराशि 100 करोड़ से अधिक बताई जाती है जो ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलती है। उसी में से छह फीसद प्रशासकीय व तकनीकी मद में लेकर ब्लॉक स्तर पर खर्च के लिए बीडीओ व एडीओ पंचायत का संयुक्त खाता है जिससे धनराशि खर्च की जाती है। पंचायत सचिव14वें वित्त की धनराशि का मनमानी खर्च का आरोप लगाते हैं। न्याय पंचायत स्तर पर जो सिस्टम पंचायत सचिवों के लिए बनाया जाना था, उसका अभी तक पता नहीं। निजी कंप्यूटर प्रतिष्ठानों से पंचायती राज विभाग की योजनाओें की ऑनलाइन फीडिग पंचायत सचिवों को करानी पड़ती है। एडीओ पंचायत अपने चहेते कंप्यूटर केंद्र से ऑनलाइन फीडिग कराते हैं। फीडिग के एवज में पंचायत सचिवों को धनराशि देनी होती है। उनका आरोप है कि अगर गाइड लाइन के प्रविधान के अनुसार खर्च की जांच करा ली जाए तो संयुक्त खाता संचालन करने वाले बीडीओ व एडीओ पंचायत की राह आसान नहीं होगी।

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न्याय पंचायत स्तर पर कुछ भी नहीं

पंचायत सचिवों के अनुसार पंचायती राज की विक्रेंद्रीकृत व्यवस्था के तहत न्याय पंचायत स्तर पर क्लस्टर के तहत जेई, एकाउंटेंट, कंप्यूटर ऑपरेटर व सफाई कर्मी आदि की व्यवस्था प्रशासकीय व तकनीकी मद से की जानी थी जो अभी पूरी नहीं हो सकी।


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