चिकित्सक चाहते हैं कम से कम सात दिन का लॉकडाउन
कोरोना की लगातार गंभीर होती स्थिति ने चिकित्सकों की चिता भी बढ़ा दी है। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए कम से कम सात दिन का सख्त लॉकडाउन बेहद आवश्यक हो गया है। चिकित्सकों का मानना है कि लॉकडाउन के बगैर कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाना बेहद मुश्किल है।
अयोध्या: कोरोना की लगातार गंभीर होती स्थिति ने चिकित्सकों की चिता भी बढ़ा दी है। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए कम से कम सात दिन का सख्त लॉकडाउन बेहद आवश्यक हो गया है। चिकित्सकों का मानना है कि लॉकडाउन के बगैर कोरोना की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाना बेहद मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि कई मामलों में कोरोना के लक्षण उभरने में ही सात दिन लग जाते हैं और आठ से दस दिन संक्रमित को ठीक होने में लग जाता है। इसलिए सात दिन का सख्त लॉकडाउन आवश्यक है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना की गंभीर होती स्थिति स्वयं समझी जा सकती है। अप्रैल माह के 15 दिनों में कोरोना संक्रमण के 1093 नए मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 834 मामले सिर्फ बीते सात दिनों में ही सामने आए हैं। इसीलिए अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) सात दिनों के सख्त लॉकडाउन के पक्ष में है। इतना ही नहीं, आइएमए सात दिनों के लिए ओपीडी बंद करने पर विचार कर रहा है, हालांकि इस दौरान टेलीक्लीनिक चलाई जाएगी और इमरजेंसी सेवा भी उपलब्ध रहेगी। हालांकि, इस बाबत अभी निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन विचार-विमर्श शुरू हो गया है। आइएमए अध्यक्ष डॉ. अफरोज का कहना है कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए यदि अब भी सख्त कदम नहीं उठाए गए तो मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। डॉ. अफरोज का कहना है कि लोगों को भी अपना दायित्व समझना होगा। सारी जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन पर ही डालना ठीक नहीं है। स्वयं से भी कदम उठाना होगा तो वहीं दूसरी ओर प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. शिवेंद्र सिन्हा भी इंटरनेट मीडिया पर लोगों से सेल्फ लॉकडाउन होने का आह्वान कर चुके हैं।
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तिथि-मिले कोरोना संक्रमित
15 अप्रैल -174
14 अप्रैल-150
13 अप्रैल-173
12 अप्रैल-75
11 अप्रैल-89
10 अप्रैल-87
09 अप्रैल-86