चिकित्सकों की लापरवाही ने बढ़ाई प्रसूताओं की पीड़ा
कोरोना के खिलाफ जंग में कुछ चिकित्सकों की सेवा जहां मरीजों का दर्द कम कर रही है तो कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जिनकी बेपरवाही मरीजों का दर्द बढ़ा रही है.
अयोध्या : कोरोना के खिलाफ जंग में कुछ चिकित्सकों की सेवा जहां मरीजों का दर्द कम कर रही है तो कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जिनकी बेपरवाही मरीजों का दर्द बढ़ा रही है। कोरोना संकट में गर्भवती महिलाओं की देखभाल भले ही संवेदनशील विषय हो लेकिन तस्वीर बिल्कुल स्याह है। अस्पताल आने वाली महिलाओं को कोरोना संदिग्ध की नजर से देखकर उन्हें तत्काल उपचार मुहैया कराने में लापरवाही बरती जा रही है। इतना ही नहीं अस्पताल में चिकित्सकों की कमी इस पीड़ा को और बढ़ा रही है। चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए अधिकारी अपने वरिष्ठों को तो नगर विधायक वेदप्रकाश गुप्त शासन को पत्र लिख चुके हैं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
महिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं का हाल खराब होता जा रहा है। प्रसव के लिए आने वाली प्रसूताओं को चिकित्सक हाथ लगाने से भाग रही हैं। ऐसे में सामान्य दशा में भी गर्भवती महिलाओं को रेफर कर दिया जा रहा है। इसका खुलासा 30 जुलाई को प्रसव के लिए भर्ती सोनम मिश्र व ज्योति झा को रेफर करने से हुआ है, सोनम के परिवारीजनों के हंगामें के बाद उसी रात्रि में चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर प्रसव कराया था। सूत्रों की मानें तो इसकी जानकारी भी जिम्मेदारों ने उच्चाधिकारियों को दी है, तो वहीं चिकित्सकों की कमी के कारण पैदा हुई इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए विधायक गुप्त ने मिशन निदेशक, प्रोजेक्ट मैनेजर यूपीएनआरएचएम लखनऊ को पत्र लिखकर 100 शैय्या एमसीएच विग में स्त्री रोग विशेषज्ञ के दस पदों में से खाली छह चिकित्सकों कों नियुक्त करने की मांग की है। पत्र में कहा है कि जिले में एक मात्र महिला चिकित्सालय होने के कारण आस-पास व ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिलाओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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चिकित्सकों की कमी है तो जो मौजूद हैं उनको ही जिम्मेदारी पूर्वक इलाज करना चाहिए। एंटीजेन किट से कोरोना जांच में निगेटिव आने के बाद इलाज नहीं हो रहा है तो मामले की जांच की जाएगी।
डॉ. घनश्याम सिंह, कार्यवाहक अपर निदेशक स्वास्थ्य अयोध्या