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धर्मेंद्र की दावेदारी से सिमटता रुदौली सीट पर टिकट का मुकाबला

रुदौली एवं बीकापुर सीट में बढ़ी फिर टिकट की हलचल।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 10:39 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:39 PM (IST)
धर्मेंद्र की दावेदारी से सिमटता रुदौली सीट पर टिकट का मुकाबला
धर्मेंद्र की दावेदारी से सिमटता रुदौली सीट पर टिकट का मुकाबला

आनंदमोहन, अयोध्या: समाजवादी पार्टी में टिकट के दावेदारों के बीच सिमटते मुकाबले में रुदौली सीट से धर्मेंद्र यादव का नया नाम सामने आया है। मजबूती से उभरे इस नाम से बीकापुर सीट के भी इससे प्रभावित होने की चर्चा है। जिले की पांच विधानसभा सीट में से अभी एक भी सीट के लिए पार्टी ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। नामांकन पांचवें चरण में एक फरवरी से है। उम्मीदवारी पर अंतिम मोहर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की लगेगी, वही पार्टी उम्मीदवार होगा। नामांकन शुरू होने से चंद दिन पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा होने की संभावना है। निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है। 12 दिन हो गए सपा ही नहीं भाजपा, कांग्रेस व बसपा में से किसी ने भी अपने प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं।

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समाजवादी पार्टी में रुदौली व बीकापुर सीट पर शुरू से ही टिकट के लिए जोर आजमाइश तेज रही है। 10 से अधिक दावेदार अकेले रुदौली सीट के हैं। अब उनमें एक नया नाम धर्मेद्र यादव का जुड़ा है। बाराबंकी जिले के निवासी धर्मेंद्र यादव, बंकी-द्वितीय सीट से लगातार दो बार से जिला पंचायत सदस्य हैं। भाई सुरेश यादव (धर्मराज सिंह) बंकी (सदर) सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। भाभी आशादेवी बंकी ब्लाक की प्रमुख। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि ने उन्हें रुदौली सीट के मजबूत दावेदारों में लाकर खड़ा कर दिया है। पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी रुश्दी इस सीट से पार्टी के विधायक रहे। लगातार दो चुनाव वह हारे हैं। इसी वजह से पार्टी उम्मीदवार बदलने की सुगबुगाहट है। उसकी एक वजह दो चुनावों से अपराजेय भाजपा विधायक रामचंद्र यादव का सजातीय मतदाताओं में उनका तिलिस्म तोड़ना है जिससे दो चुनावों से रूठी जीत की बाजी को पार्टी के पक्ष में पलटा जा सके। रुदौली सीट से यादव उम्मीदवार उतारने पर मुस्लिम की अनदेखी का सवाल भी उनके बीच उठेगा। ऐसे सवाल से बचने के लिए पार्टी में बीकापुर सीट से मुस्लिम उम्मीदवार उतरने की चर्चा फिर से तेज है। ऐसा हुआ तो टिकट की लाइन में लगे दूसरे दल के बड़े व्यापारी की मद्धिम पड़ चुकी दावेदारी की चर्चा फिर से तेज हुई। बीकापुर सीट से पूर्व मंत्री आनंदसेन यादव स्वाभाविक दावेदार है। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव जिले में जब एक भी प्रत्याशी ने नहीं जीता तो आनंदसेन भी उसमें शामिल रहे। पार्टी के राघवेंद्र प्रताप सिंह अनूप भी टिकट के मजबूत दावेदार के रूप में उनके सामने हैं। अनूप बुधवार को भी लखनऊ में पार्टी कार्यालय में टिकट की पैरोकारी में देखे गए। जिले की अन्य तीन सीट अयोध्या से तेजनारायण पांडेय पवन, मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट से अवधेश प्रसाद एवं गोसाईंगंज सीट से अभय सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है। गोसाईंगंज सीट से पूर्व एमएलसी तिलकराम वर्मा भी टिकट के लिए लखनऊ में कैंप किए हैं।


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