पाबंदियों को पार कर रामलला तक पहुंचे 15 हजार श्रद्धालु
रामनगरी में पाबंदियों के बीच हिरोले मारती रही आस्था रामनगरी में पाबंदियों के बीच हिरोले मारती रही
अयोध्या : सख्त सुरक्षा और कड़ा पहरा भी रामलला के भक्तों की राह में बाधा नहीं बन सका। फैसले के बाद अयोध्या में बढ़ी सुरक्षा पाबंदियों की वजह से रामलला के श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ गई थी, लेकिन बीते दो दिनों से रामलला के दीवाने हर बाधा को पार कर अपने आराध्य के दर्शन को पहुंच रहे हैं। रामलला के दर्शनार्थियों का आंकड़ा इस सच्चाई की तस्दीक करता है। फैसले के दिन श्रद्धालुओं की संख्या जहां दो हजार थी, वहीं अब इस संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने लगी है। यह आंकड़ा इसलिए भी सुखद कहा जाएगा कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या रामनगरी की स्थिति के सामान्य होने का संकेत देती है। सुरक्षातंत्र पाबंदियों में ढिलाई नहीं बरत रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन में कोई दिक्कत न होने पाए इसके लिए ड्यूटी पर तैनात जवानों को खास हिदायत दी गई है।
अयोध्या फैसले के आने की आहट के साथ रामनगरी में सुरक्षा सख्त हो गई थी। बढ़ती सरगर्मी का सीधा असर रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या पर पड़ने लगा। दीपोत्सव के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट शुरू हो गई। 28 अक्टूबर को अन्नकूट पर रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या 14 हजार पहुंची। अन्नकूट के बाद फैसले को लेकर पाबंदियां बढ़ने लगीं। बढ़ती पाबंदियों के बीच आशंकाओं ने श्रद्धालुओं के कदम रोकना शुरू कर दिया। दो नवंबर तक संख्या घट कर छह हजार पहुंच गई। रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में अब धीरे-धीरे इजाफा देखने को मिल रहा है। फैसले के दिन महज दो हजार श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया था। दूसरे दिन दस नवंबर को साढ़े पांच हजार श्रद्धालु रामलला के सामने करबद्ध नजर आए। परिसर की व्यवस्था से जुड़े लोगों की मानें तो अमूमन श्रद्धालुओं की संख्या दस हजार से अधिक होती है। मेला व अन्य धार्मिक पर्वों के दौरान यह संख्या में 30 से 40 हजार व कभी-कभी उससे अधिक पहुंच जाती है। मंगलवार को 15 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया। इससे पूर्व सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या दस हजार थी। हनुमानगढ़ी व कनक भवन में भी श्रद्धालुओं का रेला दिखा।
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मोर्चे पर डटे रहे पहरेदार..दर्शन करते रहे श्रद्धालु
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अयोध्या : रामनगरी में मंगलवार को भी कड़ा पहरा रहा। श्रद्धालुओं की संख्या आम दिनों से काफी अधिक रही। सुरक्षा तंत्र की निगरानी भी सख्त रही, लेकिन रोकटोक कम दिखी। वाहन लेकर आने-जाने वालों से पहचान पत्र मांगे गए, जबकि श्रद्धालुओं का पैदल आवागमन रोकटोक से मुक्त रहा। पहरेदारों का अंदाज भी काफी बदला नजर आया। अभी तक सख्त चेहरा और भाषा के साथ लोगों को रोकने वाले पुलिस कर्मी चेहरे पर मुस्कान लिए पाबंदियों के बारे में बताते नजर आए। हनुमानगढ़ी के पास बैरियर को काफी हद तक खोल दिया गया था, हालांकि सुरक्षाकर्मियों की संख्या आम दिनों से अधिक रही। बम निरोधक दस्ता व डॉग स्क्वॉयड मेला क्षेत्र में सक्रिय रहा। जालपा मंदिर, साकेत बैरियर, टेढ़ी बाजार व श्रीराम चिकित्सालय पर पूर्व की भांति वाहनों की चेकिग होती रही। मंगलवार को हनुमान गुफा से अयोध्या के भीतर प्रवेश करने वाला रास्ता बंद कर दिया गया था। एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय, मंडलायुक्त मनोज मिश्र, आईजी डॉ. संजीव गुप्त, डीएम अनुज झा, एसएसपी आशीष तिवारी मंगलवार को पूरा दिन अयोध्या में डटे रहे। आरएएफ व एटीएस कमांडो के दस्ते मेला क्षेत्र में सक्रिय रहे।