दुनिया से भारत के सांस्कृतिक रिश्तों की नई इबारत लिखेगा दीपोत्सव
अयोध्या : आगामी छह नवंबर को होने वाला दीपोत्सव दुनिया के अलग-अलग देशों से भारत के सांस्कृति
अयोध्या : आगामी छह नवंबर को होने वाला दीपोत्सव दुनिया के अलग-अलग देशों से भारत के सांस्कृतिक रिश्तों की नई इबारत लिखेगा। एक ओर जहां मुस्लिम देश इंडोनेशिया के कलाकार रामलीला की प्रस्तुति देंगे तो दूसरी ओर श्रीलंका, रूस व ट्रिनिडाड सहित अलग-अलग महाद्वीप के कुल सात देशों के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से भारत संग सांस्कृतिक रिश्तों की जड़ों को और गहरा करेंगे। ऐसे कलाकारों की संख्या करीब 125 है, जो अपने देश की रामलीला व लोकविधाओं से दीपोत्सव को यादगार बनाएंगे।
दीपोत्सव कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किमजोंग सुक होंगी। आयोजन में देश-दुनिया के करीब नौ सौ कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देने आ रहे हैं। इसमें सात देशों के कलाकारों की भागीदारी होगी। साउथ ईस्ट एशिया से कंबोडिया व लाओस, यूरोप से रूस व कैरेबियन कंट्री ट्रिनिडाड, सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया, श्रीलंका व दक्षिण कोरिया के कलाकार अपने देश की रामलीला व दूसरी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी ¨सह के मुताबिक कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा।
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विदेशी कलाकार करेंगे झांकी का नेतृत्व
-दीपोत्सव में कुल 19 झांकियां निकाली जाएंगी। झांकियों का नेतृत्व विदेशी कलाकार करेंगे। सबसे आगे लाओस, फिर रूस का दल, उनके बाद ट्रिनीडाड के कलाकारों के दल की झांकी होगी। चौथी प्रस्तुति कोरियाई कलाकारों की होगी। इनके साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों के कलाकारों का दल भी अपनी लोककला से परिचित कराएगा। झारखंड का छाऊ लोकनृत्य, छत्तीसगढ़ का पंथी लोकनृत्य, केरला का कलावेदी नृत्य समेत देश के अलग-अलग राज्यों की लोककलाओं से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीर्थ ने बताया कि झांकियां आकर्षण का केंद्र होंगी।
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कोरिया का वेलकम डांस तो तीन देशों की रामलीला
-छह नवंबर को होने वाले दीपोत्सव में कोरियाई दल वेलकम डांस की प्रस्तुति करेगा तो इंडोनेशिया, कंबोडिया व लाओस के कलाकार अपने देश की प्रचलित रामलीला से रूबरू कराएंगे। इंडोनेशिया के कलाकार 'चकचक' शैली, कंबोडिया के कलाकार 'खमेर' शैली व लाओस के कलाकार 'बुद्धिष्ट' शैली की रामलीला की प्रस्तुति करेंगे।