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..भारत जैसा देश नहीं और गंगा जैसी नदी नहीं

अयोध्या डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का स्वामी विवेकानंद सभागार और कविकुल के चमकदार सितारों से सजी शाम। दैनिक जागरण के तत्वावधान में हुए कवि सम्मेलन में देश के चुनिदा कवियों ने रूह तक उतरने वाली रचनाओं और सुधी श्रोताओं ने गुरुवार की शाम कभी न भूल पाने वाली शाम में तब्दील कर दिया। कवि सम्मेलन में श्रोताओं में शामिल नेता अफसर बुद्धिजीवी शिक्षक और प्रबुद्ध वर्ग घंटों कविताओं की वर्षा में भीगते रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 11:52 PM (IST)
..भारत जैसा देश नहीं और गंगा जैसी नदी नहीं
..भारत जैसा देश नहीं और गंगा जैसी नदी नहीं

अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का स्वामी विवेकानंद सभागार और कविकुल के चमकदार सितारों से सजी शाम। दैनिक जागरण के तत्वावधान में हुए कवि सम्मेलन में देश के चुनिदा कवियों ने रूह तक उतरने वाली रचनाओं और सुधी श्रोताओं ने गुरुवार की शाम कभी न भूल पाने वाली शाम में तब्दील कर दिया। कवि सम्मेलन में श्रोताओं में शामिल नेता, अफसर, बुद्धिजीवी, शिक्षक और प्रबुद्ध वर्ग घंटों कविताओं की वर्षा में भीगते रहे। हास्य व्यंग के सिरमौर कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, डॉ. कलीम कैसर, गीतों के बादशाह डॉ. विष्णु सक्सेना, सुरेश अवस्थी, ओज के प्रतीक आशीष अनल, खुशबू शर्मा व ताराचंद तन्हा जैसे शीर्ष कवि तो दूसरी ओर प्रतिष्ठित मंच पर नवोदित श्वेताराज सिंह व एमटेक छात्रा कृतिका गुप्ता ने श्रोताओं को घंटों बांधे रखा।

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अपनी विधा के श्रेष्ठ कवियों की रचनाओं ने कभी श्रोताओं को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया तो कभी श्रृंगार में डूबी पंक्तियां हृदय के किनारों से टकराती महसूस हुईं। ओज की कविताओं ने भारत माता की जय के नारों से सभागार को गूंजायमान भी किया। इससे पहले कविश्रेष्ठ पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, विधायक रामचंद्र यादव, वेदप्रकाश गुप्त, शोभा सिंह चौहान, मंडलायुक्त मनोज मिश्र, डीएम अनुज झा व एसएसपी आशीष तिवारी ने मां सरस्वती व दैनिक जागरण के संस्थापक स्व. पूर्णचंद गुप्त व पूर्व प्रधान संपादक स्व. नरेंद्र मोहन के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया। सुरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन का संचालन सुरेश अवस्थी ने किया। इससे पहले दैनिक जागरण के प्रभारी रमाशरण अवस्थी ने अतिथियों व श्रोताओं का स्वागत किया। ----------------- हास्य के साथ कुप्रथाओं पर प्रहार

-अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने माइक संभाला तो श्रोताओं ने तालियों ने उनका स्वागत किया। अपनी कविताओं से उन्होंने श्रोताओं को हर रस का पान कराया। उन्होंने सुनाया कि 'मैंने अपनी पत्नी से पूछा घर में कुछ रुपए पड़े हैं। पत्नी बोली जहर खाने के लिए भी रुपये नहीं हैं। उसने मेरी कसम खाई। मैंने विश्वास कर लिया। मेरी कसम खाई और मेरी मां की कसम खाई। अपनी नहीं खाई, अपने बेटे की नहीं खाई..' आदि रचनाओं से उन्होंने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। उन्होंने हास्य की रचनाओं के साथ कुप्रथाओं पर प्रहार भी किया। माता-पिता व पुत्र के रिश्तों पर आधारित रचनाओं से उन्होंने रिश्तों के बदलते मायने को पेश किया। ----------------- बंद की आंख तो राधिका तुम लगी.. -कवि सम्मेलन में गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना की रचनाएं श्रोताओं के हृदय के तल तक हलचल पैदा करती महसूस हुई। 'बंद की आंख तो राधिका तुम लगी, जब भी सोचा तुम्हें शांत एकांत में, मीरा बाई सी एक साधिका तुम लगी, कृष्ण की बांसुरी पर भरोसा रखो, मन कहीं भी रहे पर डिगेगा नहीं..' सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। उन्होंने आओ मेंहदी मेहावल की शादी करें, उम्र भर साथ रहने का आदी करें, फूल से पंखुड़ी अब न होगी अलग, सारे गुलशन में हम ये मुनादी करें एवं हमको जितना दिखा, सिर्फ तुमको लिखा, अब ये पन्ना यहीं मोड़ दें, जैसे गीतों उन्होंने श्रोताओं की तालियां बटोरी। ----------------- ..मां से अच्छी कोई औरत नहीं देखी मैंने -प्रतिष्ठित शायर डॉ. कलीम कैसर ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को हर रस में सराबोर किया। 'युगों-युगों गूंजे यह नारा, केवल इक-दो सदी नहीं, भारत जैसा देश नहीं और गंगा जैसी नदी नहीं' से श्रोताओं को खूब तालियां बटोरी। इसके साथ ही उन्होंने 'ऐसी अल्लाह की रहमत नहीं देखी मैंने, मां से अच्छी कोई औरत नहीं देखी मैंने' जैसी रचनाओं से लोगों की वाह-वाही पाई। उन्होंने अपनी रचना से बेटियों का सामाजिक एवं पारिवारिक महत्व भी रेखांकित किया। कलीम नेजागरण की पहल को भी खूब सराहा। ----------------- मिले न फूल तो कांटों से प्यार कर लूंगी -कवयित्री खुशबू शर्मा ने अपनी कविताओं ने नारी सशक्तिकरण की नजीर पेश की। 'है क्या अस्तित्व नारी का यह हम सबको बताएंगे, जलाएंगे जो चूल्हा तो राकेट भी उड़ाएंगे.' कविता से श्रोताओं की तालियां बटोरी। उन्होंने श्रृंगार रस से सजी कविताओं को भी पेश किया। 'हर एक बात पर मैं एतबार कर लूंगी, मिले न फूल तो कांटों से प्यार कर लूंगी' व 'देवताओं की तरह मैंने जुझे पूजा है, मेरी बर्बादी का जश्न मनाने वालों व आंसूओं को मेरी पलकों पर सजाने वाले, लौट कर आ जा मुझे छोड़कर जाने वाले..' सरीखी रचनाओं से उन्होंने श्रोताओं की वाह-वाही पाई। ----------------- आज से तिरंगा कहीं झुकेगा नहीं.. -हास्य, व्यंग्य और गीतों से सजी शाम में वीररस के सशक्त हस्ताक्षर आशीष 'अनल'ने अपनी कविताओं से श्रोताओं में जोश भरा। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कविता ..कहते हुए अनल रुकेगा नहीं, आज से तिरंगा कहीं झुकेगा नहीं'से श्रोताओं में रोमांच भरा। उन्होंने अपनी कविताओं में हाल में हुए लोकसभा चुनावों के परिणाम पर भी चुटकी की। '.कितु इससे भी कुछ कर न सके, जनता की नजरों में चढ़ न सके व टांय-टांय फिस्स पूरा खेल हो गया, दीदी तेरा भइया फिर फेल हो गया'जैसी रचनाओं से उन्होंने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया भी। ----------------- टाइमिग खराब थी.. -अपने चुटीले व्यंग और हास्य की कविताओं के स्थापित कवि सुरेश अवस्थी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया। इसके साथ ही उन्होंने मुक्तकों से श्रोताओं की तालियां बटोरी। 'नाली की गंदी मिट्टी से पूजा के बर्तन नहीं गढ़े जाते, गंदी जुबान में पूजा के श्लोक नहीं पढ़े जाते' से श्रोताओं की तालियां बटोरी। उन्होंने बात करने की टाइमिग और उर्दू का हिदी तर्जुमा को लेकर भी खूब कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, पत्नी से एक बार जानेमन आज बड़ी कातिल लग रही हो की जगह रोमांटिक मूड में बोल गया 'आज बड़ी हत्यारिन लग रही हो'सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। ----------------- फोटो छपी पौधा लिए हुए.. -रामनगरी के हास्य के सशक्त हस्ताक्षर ताराचंद तन्हा ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। साथ ही सियासतदां पर भी चुटीला व्यंग्य कसा। उन्होंने 'जिसका धूप और बारिश से नहीं कोई नाता है, उसी का चुनाव निशान छाता है, जो कभी स्कूल गया ही नहीं, वो चौराहे पर बहुत तेज गणित लगाता है' व 'मैं मन में था जिनके लिए श्रद्धा लिए हुए, एक दिन मिले वो हाथ में अद्धा लिए हुए, करते रहे चोरी से वो जंगल का सफाया, मंत्री बने, फोटो छपी पौधा लिए हुए..' सरीखी रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। ----------------- नवोदित कवियों को मिला मौका -अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में नवोदित कवियों को भी मौका मिला। स्थानीय कवि श्वेताराज सिंह ने रोक सके न बाधा जिसको, मैं दुर्गा संतोषी, काली महाशक्ति महाबली व आप जिस दिन से मशहूर होने लगे गीत से श्रोताओं की तालियां बटोरी। उन्हीं के साथ एमटेक की छात्र कृतिका गुप्ता ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं की वाह-वाही बटोरी। ----------------- आम लोगों के साथ विशिष्टजनों की रही भागीदारी -कवि सम्मेलन में आम लोगों के साथ ही विशिष्टजनों की भी भागीदारी रही। विधायक रामचंद्र यादव, वेदप्रकाश गुप्ता व शोभा सिंह चौहान के साथ ही कमिश्नर मनोज मिश्र, डीएम अनुज झा, एसएसपी आशीष तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, डॉ. अमित सिंह चौहान, अविवि कार्यपरिषद के सदस्य ओमप्रकाश सिंह, केके मिश्र पप्पू, महंत मनमोहन दास, कमलाशंकर पांडेय, आदित्यनारायण मिश्र, अभिषेक मिश्र, सूर्यकांत पांडेय, डॉ. चंद्रगोपाल पांडेय, शेखर जायसवाल, अभय सिंह, रमेश सिंह, राहुल शर्मा सन्यासी, आशीष शर्मा, शिवकुमार फैजाबादी, डॉ. योगेंद्रनाथ पांडेय, अविवि कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह, डॉ. आशीष श्रीवास्तव, सर्वेशमोहन, डॉ. आशीष पांडेय दीपू, आनंद दुबे समेत सैकड़ों की संख्या में लोगों की भागीदारी रही। ----------------- सम्मेलन में इनका हुआ सम्मान -कवि सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्र की हस्तियों को सम्मानित भी किया गया। रामनेवाज पीजी कॉलेज के डॉ. मनीष सिंह, श्रीरामचंद्र सिंह पीजी कॉलेज गुलेरिया के डॉ. शीलवंत सिंह, मां वैष्णोदेवी महिला महाविद्यालय के छेदीलाल, सनबीम स्कूल के बृजेश यादव, दिशा कोचिग के अखिल सिंह, रामजानकी महाविद्यालय के अवधेश शुक्ल, संतभीखा दास महाविद्यालय के नकछेद तिवारी, मां मीडिया हाउस के श्यामजी मिश्र, ओपीएस एकेडमी के सिराजुल हक, एवरग्रीन रेस्टोरेंट कृष्णकुमार जायसवाल, श्रीपरमहंस शिक्षण-प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य, ट्राइगेट कोचिग के योगेंद्र पाठक, चंद्रा हीरो के तरुण मित्तल, शिवसावित्री महाविद्यालय के एपी सिंह, ट्रू-पावर अर्थिंग प्राइवेट लिमिटेड के हरिओम तिवारी, ग्रामर्षि एकेडमी गद्दोपुर के डॉ. अनुपम पांडेय, एलएसडीपी पब्लिक स्कूल के धर्मदत्त पाठक, उदया पब्लिक स्कूल के डॉ. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी, देवा पब्लिक स्कूल के सहदेव उपाध्याय, रामचंद्र सिंह पीजी कॉलेज के सर्वजीत सिंह, भवदीय ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के डॉ. अवधेश वर्मा, बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक एनआर प्रधान को सम्मानित करिया गया। इनके साथ ही अमृत बॉटलर्स, कोहिनूर पैलेस, सनफूड प्रोडक्ट, एलआइसी, पंजाब नेशनल बैंक, अमित मोटर्स, गीता ऑटो सेल्स संस्था को सामाजिक कार्यों में भागीदारी के लिए सम्मानित किया गया। ----------------- सेल्फी की रही होड़ -सम्मेलन में आए प्रतिष्ठित कवियों के साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ लगी रही। युवाओं व आम लोगों के साथ ही विशिष्टजनों में भी डॉ. सुरेंद्र शर्मा, कलीम कैसर, डॉ. विष्णु सक्सेना, डॉ. सुरेश अवस्थी के साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ लगी रही। सम्मेलन की समाप्ति की घोषणा के साथ ही लोगों ने कवियों के साथ खूब सेल्फी ली।


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