21 फरवरी को अयोध्या कूच पर संकट के बादलः महंत जन्मेजयशरण के खिलाफ मुकदमा
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की 21 फरवरी को अयोध्या कूच और राम मंदिर शिलान्यास के ऐलान पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
अयोध्या, जेएनएन। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के 21 फरवरी को अयोध्या कूच और राम मंदिर शिलान्यास के ऐलान पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अयोध्या में जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजयशरण के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में जानलेवा हमला एवं फायरिंग का मुकदमा दर्ज किया गया है। भाजपा के महानगर महामंत्री परमानंद मिश्र की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। हालांकि महंत ने मुकदमे को फर्जी और इसके पीछे विहिप-भाजपा की साजिश करार दिया है। उल्लेखनीय है कि राम की नगरी अयोध्या में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद को इस आश्रम का समर्थन प्राप्त है। यदि महंत की गिरफ्तारी होती है तो 21 फरवरी के लिए होने वाली तैयारियों पर विराम लग जाएगा।
भाजपा महामंत्री ने लगाया हमले का आरोप
पुलिस को दी गई तहरीर में परमानंद ने बताया है कि पांच फरवरी की शाम छह-सात बजे के बीच वे पैदल ही जानकीघाट मंदिर के सामने से गुजर रहे थे। इसी बीच जन्मेजयशरण चार अज्ञात सहयोगियों के साथ आए और उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। आपाधापी के बीच मिश्र पुन: भागे। इसी दौरान उनपर फायर किया। महंत और भाजपा नेता की अदावत पुरानी है। भाजपा नेता का आरोप है कि महंत ने उनके आवास पर धावा बोलकर उनके बच्चों को कुएं में फेंक दिया था और आवास पर मौजूद लोगों को मार-पीट कर भगाने का प्रयास किया था।
स्वरूपानंद के अयोध्या कूच से भाजपा घबराईः महंत
महंत जन्मेजयशरण ने दूरभाष पर कहा कि स्वामी स्वरूपानंद के अयोध्या कूच की घोषणा से घबराई है और स्वामी स्वरूपानंद का समर्थन करने के लिए मुझे निशाना बना रही है। महंत ने बताया कि साजिश के लिए परमानंद को आगे किया गया है लेकिन यह बताया कि घटना जिस दिन की बताई जा रही है, उसदिन स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आने की वजह से उनके मंदिर पर खुफिया विभाग एवं मीडिया का अमला मौजूद था और इनमें से किसी ने ऐसी घटना नहीं देखी।
इसी आश्रम में लगा था अविमुक्तेश्वरानंद का डेरा
21 फरवरी को राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या कूच का एलान करने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के दूत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पांच फरवरी को इसी आश्रम में रहकर कार्यक्रम की तैयारियां और समर्थक संतों से मुलाकात की थी। मंदिर निर्माण को लेकर विहिप से इतर स्वामी स्वरूपानंद रामालय ट्रस्ट के माध्यम से अपना दावा ठोंकते रहे हैं। उन्होंने कुंभ में आयोजित एक कार्यक्रम में आगामी 21 फरवरी को मंदिर के शिलान्यास के लिए अयोध्या कूच का ऐलान कर रखा है। इसके लिए वे 20 फरवरी को ही अयोध्या पहुंचेंगे। इसी तैयारी को अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या आकर अंतिम रूप दिया था। साथ ही 21 फरवरी के आंदोलन को जनांदोलन बनाने का ताना-बाना बुना था।