नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय पहुंची फर्म
कान्हा उपवन गोशाला के निर्माण कार्य में सुस्ती पर ब्लैक लिस्ट की गई फर्म ने ली उच न्यायालय की शरण. फर्म ने लगाया लाखों रुपये का भुगतान न करने का आरोप.
अयोध्या : बैसिंह स्थित कान्हा उपवन गोशाला के निर्माण में लापरवाही पर ब्लैक लिस्ट की गई फर्म प्रताप हाईट्स प्राइवेट लिमिटेड नगर निगम के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गई है। फर्म ने नगर निगम की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए लाखों रुपये का भुगतान न करने का आरोप लगाया है। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में दायर याचिका पर संबंधित न्यायालय ने नगर निगम से जवाब मांगा है। फर्म के प्रतिनिधि राहुल सिंह का कहना है कि उन्होंने एक करोड़ चार लाख रुपये की लागत से विद्याकुंड में नाले का निर्माण कराया है, जिसके बदले नगर निगम ने उन्हें महज 30 लाख रुपये का भुगतान किया है। शेष रकम नगर निगम दबाए बैठा है। यही नहीं बैसिंह गोशाला में निर्माण कार्य के लिए नगर निगम से अनुबंध 17 जून वर्ष 2020 में हुए था। गोशाला के लिए आठ करोड़ 52 लाख रुपये का टेंडर हुआ था। फर्म ने कार्य शुरू किया। 16 दिसंबर को कार्य पूर्ण होना था। निर्माण कार्य के दौरान भवन की ड्राइंग आदि आवश्यक जानकारियां नगर निगम की ओर से फर्म को उपलब्ध ही नहीं कराई गईं, जबकि इसके लिए फर्म ने पत्राचार भी किया। फर्म के प्रतिनिधि का कहना है कि उनकी मांग पर दो बार समय नगर निगम की ओर से बढ़ाया गया। कार्य समाप्त करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर दी गई, लेकिन इससे पहले ही सितंबर में फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। फर्म की दलील है कि भुगतान को लेकर कई बार नगर निगम को पत्र लिखा गया। फरवरी में गोशाला का चार करोड़ रुपये भुगतान हुआ, लेकिन उसके बाद धनराशि नहीं दी गई, जबकि फर्म ने इस भुगतान के बाद 40 लाख रुपये से अधिक का कार्य कराया गया है। धनाभाव के साथ ही कोरोना एवं बरसात के कारण कार्य धीमा होने की सफाई फर्म ने दी है। मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी ने बताया कि उच्चाधिकारियों की समीक्षा में फर्म का कार्य संतोषजनक न मिलने पर कार्रवाई की गई है। भुगतान के लिए नियमानुसार प्रक्रिया नगर निगम प्रशासन अपनाएगा।