आज से चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे रामलला, वैकल्पिक गर्भगृह में तड़के होगी स्थापना-योगी भी होंगे शामिल
Shri RamMandir मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे है। बुधवार की सुबह वैकल्पिक गर्भगृह में करेंगे रामलला का दर्शन।
अयोध्या, जेएनएन। Shri RamMandir in Ayodhya: यूं तो रामलला अखिल ब्रह्मांड के नायक और सृष्टि नियंता के रूप में शिरोधार्य हैं, पर ऐतिहासिक तथ्य यह है कि उनकी जन्मभूमि की अस्मिता 492 वर्ष से संक्रमित रही है। गत नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के साथ श्रीराम जन्मभूमि की स्वायत्तता-संप्रभुता सुनिश्चित हुई और इसी क्रम में बुधवार को रामलला को टेंट के अस्थाई मंदिर से स्थानांतरित कर साज-सुविधा युक्त वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसके लिए मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे अयोध्या पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला को शिरोधार्य कर अधिगृहीत परिसर के नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में पहुंचाएंगे। सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के उपरांत भोर में रामलला की शिफ्टिंग के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
इसके लिए सोमवार से अनुष्ठान आरंभ हो चुका है। 10 वैदिक आचार्यों का समूह जहां वेद मंत्रों के साथ मौजूदा गर्भगृह में विराजे रामलला से वैकल्पिक गर्भगृह में चलने की प्रार्थना कर रहा है, तो पांच आचार्य वैकल्पिक गर्भगृह में भूमि शुद्धि के अनुष्ठान को अंतिम रूप देने में लगे हैं। बुधवार को ब्रह्म मुहूर्त में अनुष्ठान की पूर्णाहुति के साथ रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान होंगे। हालांकि रामलला के दिव्य-दैवी वैभव और उनसे जुड़ी अप्रतिम आस्था से न्याय तभी संभव होगा, जब भव्य मंदिर निर्माण के साथ प्रभु श्रीराम इस मंदिर के नियोजित-संयोजित भव्य और स्थाई गर्भगृह में विराजमान होंगे। विशेषज्ञों की मानें तो यह सब होने में ढाई से तीन वर्ष का समय लग सकता है।
साढ़े नौ किलो चांदी के सिंहासन पर होंगे विराजमान
432 वर्ग फीट के वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला की गरिमा व सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध और दर्शनार्थियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। सोमवार को ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र ने साढ़े नौ किलो चांदी का भव्य सिंहासन भेंट किया। रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में इसी सिंहासन पर विराजमान कराए जाएंगे। रामलला बुधवार तड़के दो बजे जगाए जाएंगे। इसके साथ ही उनका पूजन-अर्चन शुरू होगा। पूजन-अर्चन के बाद एक ओर मार्ग का शुद्धिकरण होगा, दूसरी ओर ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को मूल गर्भगृह से वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाया जाएगा। वैकल्पिक गर्भगृह में भी रामलला की पूजा-अर्चना होगी और सुबह सात बजे आरती होगी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
रामलला की शिफ्टिंग के बाद सीएम गोरखपुर रवाना
मंगलवार शाम को अयोध्या की हवाई पट्टी पर मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, आइजी रेंज डॉ.संजीव गुप्त, डीएम अनुज झा व एसएसपी आशीष तिवारी ने मुख्यमंत्री की अगवानी की। सभी अधिकारी उन्हें सर्किट हाउस पहुंचा कर रामजन्मभूमि परिसर के लिए रवाना हो गए। इसकी उम्मीद कम है कि मुख्यमंत्री किसी से मुलाकात करेंगे।माना जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से वे सिर्फ रामलला की शिफ्टिंग के दौरान ही चुनिंदा लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। बुधवार को रामलला की शिफ्टिंग के बाद वे गोरखपुर रवाना हो जाएंगे।
पहले भी यह उम्मीद थी कि रामलला की शिफ्टिंग के समय मुख्यमंत्री मौजूद रह सकते हैं लेकिन, कोरोना की वजह से सीएम का यह दौरा बेहद गोपनीय रखा गया। यहां तक कि कई अधिकारियों को भी इसकी सूचना उनके आगमन के चंद घंटे पहले ही दी गई।
लाइव प्रसारण की तैयारी
वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा उल्लासपूर्ण समारोह के रूप में प्रस्तावित थी लेकिन, कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका के चलते यह आयोजन वैदिक कर्मकांड तक सीमित रखा गया है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्राण-प्रतिष्ठा के लाइव प्रसारण की व्यवस्था जरूर कर रखी है, ताकि मौके पर पहुंचने से वंचित श्रद्धालु टीवी पर इस अहम अवसर को देख सकें।
आज अयोध्या वासियों के लिए बड़ा दिन
रामलला बुलेटप्रूफ फाइवर के मंदिर में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र की ओर से समर्पित जयपुर में 9.5 किलो चांदी से बने सिंघासन पर विराजेंगे। 25 मार्च को सुबह रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। शिफ्टिंग 15 वैदिक विद्वान कराएंगे। यह वैदिक विद्वान दिल्ली, प्रयागराज, काशी और अयोध्या के होंगे। वैदिक विद्वानों के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी रामलला को आस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर देंगे।
30 अप्रैल को हो सकता है राम मंदिर के लिए भूमि पूजन
रामलला को शिफ्ट करने के बाद यहां पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन का समतलीकरण शुरू हो जाएगा। अब अप्रैल के आखिरी सप्ताह में भूमि पूजन भी किया जा सकता है। यहां पर चार अप्रैल को अयोध्या में आयोजित ट्रस्ट की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाना है।
रास्ते का भी शुद्धिकरण होगा
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र के अनुसार किसी भी नए मंदिर में भगवान को विराजमान कराने से पहले उसकी धर्म संगत मान्यताएं हैं। भगवान को विराजमान करने से पहले जमीन और मंदिर दोनों को पवित्र कराया जाएगा। रामलला को शिफ्ट करने से पहले रास्ते का भी शुद्धिकरण होगा और वैदिक मंत्रोचार के साथ रामलला पुराने मंदिर से नए आस्था मंदिर में विराजमान होने के लिए निकलेंगे।
राम जन्मोत्सव भी होगा साधारण
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के अनुसार अब इस पूरे कार्यक्रम को बहुत ही साधारण प्रक्रिया से संपन्न कराया जाएगा। देश में श्रद्धालुओं और देशवासियों की सुरक्षा की भावना को प्राथमिकता देते हुए इस कार्यक्रम को सीमित किया गया है। अब आगे का कार्यक्रम भी अब परिस्थितियों पर ही निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष भव्यता के साथ राम की नवमी मना लेंगे। रामलला के शिफ्टिंग पर बोलते हुए कहा कि सारे कार्यक्रम होंगे, लेकिन जैसी परिस्थितियां होंगी उसी के अनुरूप कार्य होगा।