प्रधानमंत्री मोदी ने काशी तो सीमए योगी ने अपनाई अयोध्या
रामचंद्रदास परमहंस उनके करीबी मित्रों में रहे और परमहंस की ही तरह वे भी मंदिर आंदोलन के शीर्ष किरदार में रहे।
अयोध्या (जागरण संवाददाता)। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी को अपनाया तो इसी वर्ष मार्च में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ अयोध्या को अपनाते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का अयोध्या से गहन सरोकार है। वे नाथ संप्रदाय के विरक्त आचार्यों की गोरक्ष पीठ के अधिपति हैं और उन्हीं की तरह वैराग्य लेने वाले संतों की नगरी से जुड़ाव उन्हें विरासत में मिला है।
उनके बाबागुरु और तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर दिग्विजय नाथ 22-23 दिसंबर 1949 की रात रामजन्मभूमि पर रामलला के प्राकट्य प्रसंग के शिल्पी रहे हैं। कालांतर में मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष के रूप में प्रतिष्ठित हुए रामचंद्रदास परमहंस अयोध्या में दिग्विजयनाथ के प्रमुख दूत जैसे रहे। मुख्यमंत्री के गुरु महंत अवैद्यनाथ ने भी अयोध्या से गोरक्षपीठ के जुड़ाव की विरासत बखूबी आगे बढ़ाई।
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रामचंद्रदास परमहंस उनके करीबी मित्रों में रहे और परमहंस की ही तरह वे भी मंदिर आंदोलन के शीर्ष किरदार में रहे। परमहंस से भेंट और मंदिर आंदोलन में भूमिका के चलते उनका अयोध्या दौरा होता रहा। ढाई दशक पूर्व गुरु के साथ योगी आदित्यनाथ का भी अयोध्या आगमन होने लगा। योगी से परमहंस गुरु की ही तरह आदर पाते रहे तो उन्हें शिष्य का स्नेह देते रहे।
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