मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरा साधु की तरह रामनगरी में बिताए चार घंटे
अनुसूचित जाति के महावीर के घर से लेकर संतों की पांत के बीच सत्ता की ठसक नहीं आई आड़े।
अयोध्या, (रमाशरण अवस्थी)। चुनाव प्रचार की पाबंदी झेल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को रामनगरी में तनावमुक्त एवं मस्ती के मूड में नजर आए। मुख्यमंत्री की ठसक से इतर वे निरा साधु की भांति रामनगरी से मुखातिब हुए। उनका यह रुख शुरुआत से ही परिलक्षित हुआ। अनुसूचित जाति के महावीर के घर भोजन के साथ ही यह बयां हुआ कि चुनाव प्रचार की पाबंदी के बीच उनकी शख्सियत का ठेठ साधु जाग गया है।
भोजन के साथ वे महावीर के परिवार के अन्य सदस्यों से भी सहजतापूर्वक हाल-चाल लेते रहे। बच्चों से चुहल भी की। यहीं उनकी अगुवानी के लिए अशर्फीभवन पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीधराचार्य पहुंचे। मुख्यमंत्री ने उनके प्रति मैत्री का इजहार करने में कोई संकोच नहीं किया और महावीर के घर से निकलकर स्वामी श्रीधराचार्य की पीठ अशर्फीभवन भी गए।
मणिरामदासजी की छावनी में भी वे महंत नृत्यगोपालदास के प्रति आदर व्यक्त करने के साथ अन्य संतों के साथ घुलना-मिलना नहीं भूले। साधु समाज के कई साथियों के साथ मुख्यमंत्री ने पूरी उत्सुकता से सेल्फी भी ली। सेल्फी का दौर दिगंबर अखाड़ा में भी चला। आचार्य पीठ दशरथमहल बड़ास्थान के महंत ङ्क्षबदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य जैसे धर्माचार्य सोशल मीडिया में रहने के लोभ से मुक्त हैं पर मौका, भगवाधारी मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी का हो, तो उन जैसों का भी उत्साह ठांठें मारने लगता है।
मुख्यमंत्री ने दिगंबर अखाड़ा में ही प्रवास के दौरान पूर्व सांसद डॉ. रामविलासदास वेदांती एवं जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य को याद किया और उन्हें आग्रहपूर्वक दिगंबर अखाड़ा बुलाया। इस दौरान उदासीन संप्रदाय की शीर्ष पीठ उदासीन ऋषि आश्रम के महंत डॉ. भरतदास एवं ङ्क्षबदुगाद्याचार्य के कृपापात्र संत रामभूषणदास कृपालु, डॉ. वेदांती के उत्तराधिकारी डॉ. राघवेशदास, समाजसेवी कौस्तुभ आचारी, विकास श्रीवास्तव बाबा आदि ने भी मुख्यमंत्री के संग सेल्फी का लुत्फ उठाया। करीब डेढ़ घंटे तक संगी-साथी संतों से अनौपचारिक बात-चीत के बाद वे सुग्रीवकिला की ओर रवाना हुए और प्रत्येक अयोध्या प्रवास में साथ रहने वाले डॉ. वेदांती सहित निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास एवं सुरेशदास को अपनी गाड़ी में बैठाना नहीं भूले।
गत माह ही साकेतवासी हुए सुग्रीवकिला पीठाधीश्वर जगद्गुरु पुरुषोत्तमाचार्य को याद करते हुए उनकी आंखें कुछ पल के लिए नम भी हुईं और अगले पल वे पुरुषोत्तमाचार्य के उत्तराधिकारी विश्वेशप्रपन्नाचार्य को ढांढस बंधाते नजर आए। हनुमानगढ़ी में मुख्यमंत्री ने निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव महंत गौरीशंकरदास एवं क्षेत्रीय पार्षद तथा हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेशदास से पुरानी जान-पहचान का इजहार किया। अनेक संतों एवं बब्लू खान सहित कुछ मुस्लिमों के साथ हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान भी वे सहज नजर आए। प्रत्येक अयोध्या यात्रा की तरह बुधवार को सरयू आरती करने पहुंचे मुख्यमंत्री सामने पुण्यसलिला की नित्य आरती करने वाली संस्था के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास को पाकर खिल उठे।