गोशालाओं के केंद्रीयकृत भूसा खरीद को झटका
अयोध्या अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों के लिए भूसा खरीद की केंद्रीयकृत व्यवस्था में फेरबदल हो गया। बदलाव उन लोगों को झटका है जो टेंडर हासिल करने के लिए जिले स्तरीय टेंडर कमेटी के अधिकारियों को पटाने में लगे रहे। इससे पहले भूसा की खरीद जिले पर गठित कमेटी ने कराई थी। उसी समय भूसा खरीद पर अंगुलियां उठी थीं।
अयोध्या: अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों के लिए भूसा खरीद की केंद्रीयकृत व्यवस्था में फेरबदल हो गया। बदलाव उन लोगों को झटका है जो टेंडर हासिल करने के लिए जिले स्तरीय टेंडर कमेटी के अधिकारियों को पटाने में लगे रहे। इससे पहले भूसा की खरीद जिले पर गठित कमेटी ने कराई थी। उसी समय भूसा खरीद पर अंगुलियां उठी थीं। टेंडर को विकेंद्रीकृत करने की वजह इसी बताया जा रहा है। व्यवस्था का विकेंद्रीकरण कर ब्लॉक स्तर पर अनुमति दी गई है। मसौधा ब्लॉक ने टेंडर का प्रकाशन कर दिया है। तीन जून को खुलेगा। अन्य ब्लॉकों में अभी किया जाना है। भूसा खरीदने वाली चार सदस्यीय कमेटी बीडीओ की अध्यक्षता में है। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी,चिकित्साधिकारी, एडीओ कृषि व पंचायत सचिव इसके सदस्य हैं।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव के अनुसार व्यवस्था में बदलाव से स्थानीय स्तर पर जरूरत के हिसाब से भूसा खरीदा जा सकेगा। निर्णय लेने में अब समय नहीं लगेगा। कहा, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनके प्रस्ताव की मंजूरी मिल गई। मसौधा ब्लॉक ने भूसा खरीद के लिए टेंडर निकाल दिया है। जिले में 27 गोशालाओं में से एक बैसिंह नगर निगम व एक नगर पंचायत बीकापुर की है। अन्य 25 ग्राम पंचायतों से संचालित हैं। गोवंशों के रखरखाव व उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी नगर निगम, नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों के जिम्मे है। करीब 41 सौ गोवंश इन 27 गोशालाओं में हैं।