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गोवंश की मौत में प्रधान एवं पंचायत सचिव नामजद

अनुसार कार्यालय से बाहर होने की वजह से उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्रीकृष्ण का निलंबन आदेश अभी उन्हें पहुंचने की जानकारी नहीं है। निलंबन आदेश मिलते ही वह किसी अन्य पशु चिकित्साधिकारी को प्रभार सौंप देंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 11:38 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 11:38 PM (IST)
गोवंश की मौत में प्रधान एवं पंचायत सचिव नामजद
गोवंश की मौत में प्रधान एवं पंचायत सचिव नामजद

अयोध्या : पशुपालन विभाग ने मिल्कीपुर तहसील के पलियामाफी गोशाला के मृत गोवंशों को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। ग्राम प्रधान संतोष कुमार यादव एवं पंचायत सचिव इच्छाराम प्रियदर्शी पर मुकदमा कायम कराया है।

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उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी श्रीकृष्ण की तहरीर के बाद दोनों के खिलाफ इनायतनगर थाना में पशु के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम-1980 के तहत अभियोग दर्ज हुआ है। साथ ही पंचायत सचिव के खिलाफ दर्ज एफआइआर से पंचायत संवर्ग का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। एफआइआर के बाद मिल्कीपुर क्षेत्र के सत्तापक्ष से जुड़े दो ताकतवर नेताओं के आमने-सामने हो जाने से प्रशासनिक अमले के सामने बचाव का रास्ता निकालने के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। एक पंचायत सचिव इच्छाराम प्रियदर्शी तो दूसरा बारुन के चिकित्साधिकारी डॉ. शशीकुमारी यादव को बचाने में लगा है। डॉ. शशीकुमारी लंबे अवकाश पर चली गईं हैं। हल्लेद्वारिका गांव की आगजनी में नामजदगी होने से पलियामाफी का ग्राम प्रधान फरार है। ग्राम पंचायत सदस्य सुरेशकुमार को खाता संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पलियामाफी गोशाला के संचालन की धुंधली तस्वीर छंट गई है। निलंबित बीडीओ यशवर्धन सिंह का आदेश आ गया है। डीआरडीए के पीडी कमलेशकुमार सोनी को वहां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। बीडीओ के साथ निलंबित उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी श्रीकृष्ण के प्रभार को लेकर भी असमंजस बरकरार है।

बारुन पशु चिकित्साधिकारी डॉ शशीकुमारी यादव के लंबे अवकाश पर चले जाने से पलियामाफी गोशाला के गोवंश की देखरेख पर सवाल उठने लगा है। बुधवार को आए गोसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्यामनंदन सिंह न तो पलियामाफी और न ही नगर निगम की बैसिंह गोशाला देखने गए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव के अनुसार कार्यालय से बाहर होने की वजह से उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्रीकृष्ण का निलंबन आदेश अभी उन्हें पहुंचने की जानकारी नहीं है। निलंबन आदेश मिलते ही वह किसी अन्य पशु चिकित्साधिकारी को प्रभार सौंप देंगे।


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